कभी सोचा है खून का रंग लाल और नसें होती नीली और हरी, ऐसा क्यों?
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 09:03 PM (IST)

नारी डेस्कः हमारे शरीर में कई तरह की मांसपेशियां और नसें और इन नसों में खून। नसें जो नीले और हरे रंग की होती हैं और अक्सर शरीर के अंगों पर आसानी से दिखाई भी देती हैं ? लेकिन इन हरी नीली नसों को देखकर आपके दिमाग में यह सवाल आया है कि हमारी नसें तो नीली और हरी नजर आती हैं लेकिन इनमें खून का रंग तो लाल होता है। ऐसा क्यों और कैसे है? अगर आपके दिमाग में भी यह सवाल आया है तो चलिए आज इसी के बारे में आपको बताते हैं क्योंकि इन सबके पीछे एक दिलचस्प साइंस है।
खून का रंग लाल ही क्यों होता है?
हमारे खून में हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन होता है जो ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाने का काम करता है। जब यह हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से मिलता है तो उसका रंग चमकदार लाल हो जाता है और यही खून फिर हमारे पूरे शरीर में दौड़ता है।
नसें नीली-हरी क्यों दिखती हैं?
असल में नसों का रंग नीला और हरा नहीं होता बल्कि यह सिर्फ हमें ऐसा दिखाई देता है। यह एक ऐसा भ्रम है जो हमारे दिमाग और आंखें की मिलकर बनाई गई चाल का नतीजा है।असल में नसों का रंग नीला नहीं होता, बल्कि वे लाल रक्त से भरी होती हैं। लेकिन त्वचा के नीचे से जब रोशनी गुजरती है, तो हमारी आंखों को वह नीली या हरी दिखाई देती है। यह एक विज़ुअल इफेक्ट है। हमारी आंखें और दिमाग मिलकर रोशनी की किरणों को अलग तरह से देखते और समझते हैं। यह विज्ञान और दृष्टि भ्रम का शानदार उदाहरण है और यह साबित करता है कि जो दिखता है, वो हमेशा हकीकत नहीं होता।
क्या है इसके पीछे की वजह?
दरअसल, जब हमारी त्वचा पर रोशनी पड़ती है तो वह अलग-अलग रंगों में बंट जाती है। लाल रंग की तरंगे लंबी होती है और त्वचा की गहराई तक पहुंच जाती है। जबकि नीली-हरी तरंगे कम गहराई तक जाती है और जल्दी रिफ्लेक्ट हो जाती है। बस यही वजह है कि हमारी आंखें ज्यादातर नीली तरंगों को पकड़ती हैं, और हमें नसें नीली या हरी दिखाई देती हैं। यह एक विजुअल ट्रिक है। हमारा दिमाग और आंखें मिलकर जो रंग दिखाते हैं वो जरूरी नहीं कि हकीकत हो। नसों की सतह पर पड़ने वाली रोशनी और त्वचा के नीचे की बनावट मिलकर एक ऐसा भ्रम पैदा करती हैं जिससे वो नीली-सी लगती हैं।
ऑक्सीजन की मात्रा का कोई लेना-देना नहीं
कुछ लोग मानते हैं कि नसों में ऑक्सीजन-रहित खून होता है इसलिए वह नीली होती है लेकिन यह सच नहीं है। ऑक्सीजन-रहित खून भी गहरा लाल ही होता है- थोड़ा डार्क लेकिन नीला नहीं। तो इसका नीला दिखना सिर्फ रोशनी और त्वचा की बनावट का कमाल है, न कि खून के रंग का।
त्वचा का रंग और नसों का दिखना: क्या है कनेक्शन?
आपने गौर किया होगा कि कुछ लोगों की त्वचा पर नसें साफ नीली या हरी दिखाई देती हैं, जबकि कुछ लोगों की त्वचा पर वे मुश्किल से नजर आती हैं। ऐसा क्यों होता है?
त्वचा का रंग करता है फर्क
गोरी त्वचा वाले लोगों में नसें ज़्यादा स्पष्ट दिखती हैं क्योंकि उनकी त्वचा पतली और हल्की होती है, जिससे नसों का रंग—जो नीला या हरा नजर आता है, बाहर से दिखने लगता है। वहीं, गहरी त्वचा में यह दृश्यता कम हो जाती है क्योंकि मेलानिन नसों की छाया को छुपा देता है।
हर किसी को नसें एक जैसी नहीं दिखतीं
एक और दिलचस्प बात यह है कि सभी लोगों की आंखें रंगों को एक समान तरीके से नहीं पहचानतीं। इसलिए एक ही नस किसी को नीली, किसी को हरी, और किसी को स्लेटी सी दिखाई दे सकती है।