मन में श्रद्धा भाव, जुबां पर "हर हर महादेव" के जयकारे ...सावन के पहले दिन शिवालयों पर लगा भक्तों का तांता
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 10:00 AM (IST)

नारी डेस्क: सावन का पवित्र महीना शुक्रवार को प्रमुख तीर्थस्थलों पर भक्ति की अद्भुत छटा के साथ शुरू हुआ, जहां हज़ारों भगवान शिव भक्त मंदिरों में पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने के लिए कतारों में खड़े हुए। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में, दिन की शुरुआत 'मंगला आरती' के साथ हुई, जिसके बाद मंदिर के द्वार आम दर्शन के लिए खोल दिए गए। उत्साह से भरे भक्त लंबी लेकिन व्यवस्थित कतारों में खड़े होकर बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए उत्सुक थे।
#WATCH | Varanasi, UP: Managala arti being performed at Kashi Vishwanath Temple on the first day of the holy month of 'sawan'. Divisional Commissioner Varanasi, S Rajalingam, Chief Executive Officer, Vishwa Bhushan, Deputy Collector Shambhu Sharan, and Tehsildar Mini L. Shekhar… pic.twitter.com/wFiM9lY2Li
— ANI (@ANI) July 11, 2025
मंदिर के बाहर एक भक्त ने कहा- "आज सावन का पहला दिन है और दर्शन बहुत अच्छे से हुए। व्यवस्थाएं और सुविधाएं उत्कृष्ट हैं। सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है और साफ़-सफ़ाई बहुत अच्छी है। सभी ने व्यवस्थित तरीके से प्रवेश किया।" उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (मूल रूप से हिंदी में लिखा) पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए लिखा- "भगवान भोलेनाथ की आराधना को समर्पित सावन के पावन महीने की सभी श्रद्धालुओं और प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ! देवों के देव महादेव समस्त ब्रह्मांड का कल्याण करें। ॐ नमः शिवाय!"
इस बीच, आज पवित्र कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई, जिसमें उत्तर प्रदेश के प्राचीन शिव मंदिरों से तीर्थयात्री निकल पड़े। प्रयागराज में, बड़ी संख्या में भक्त दशाश्वमेध घाट पर पवित्र गंगा जल लेने के लिए एकत्रित हुए, ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। देवभूमि हरिद्वार में, पूरे शहर में शिव भक्ति की आध्यात्मिक लहर दौड़ गई। दूर-दूर से तीर्थयात्री तड़के से ही हर की पौड़ी पर उमड़ पड़े, गंगा में पवित्र डुबकी लगाई और अपने गंतव्यों के लिए रवाना होने से पहले अपने कलशों में गंगाजल भरा।
घाटों पर "हर हर महादेव" के जयकारे गूंज रहे थे, जिससे वातावरण आध्यात्मिक उत्साह से भर गया। प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किए गए थे, जबकि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए चिकित्सा शिविर, जलपान स्टॉल और विश्राम स्थल बनाए गए थे। हरिद्वार में कांवड़ियों की ऊर्जा और आस्था ने सावन के पहले ही दिन शहर को भक्ति, सेवा और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रतीक बना दिया।