खून की कमी से जूझ रहे 40% बच्चे: WHO ने किया खतरनाक आंकड़े का खुलासा
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 11:51 AM (IST)
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नारी डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एनीमिया (खून की कमी) पर एक फैक्ट शीट जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि दुनिया में लगभग 40% बच्चे, 37% गर्भवती महिलाएं और 30% 15 से 49 वर्ष की महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हैं। खासतौर पर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में यह बीमारी अधिक देखने को मिल रही है।
यह समस्या खासकर ग्रामीण इलाकों और गरीब परिवारों में ज्यादा पाई जा रही है। WHO ने इस गंभीर समस्या का समाधान 2030 तक करने के लिए सतत विकास एजेंडे में इसे शामिल किया है। इसके तहत 15 से 49 वर्ष की आयु वाली महिलाओं को एनीमिया से निजात दिलाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
WHO और UNICEF का संयुक्त प्रयास
WHO और UNICEF मिलकर एनीमिया के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में ग्लोबल न्यूट्रिशन के छह मकसदों में से एक पर काम हो रहा है। 2021 में न्यूट्रिशन फॉर ग्रोथ समिट के दौरान WHO ने एनीमिया को एक गंभीर समस्या के रूप में पहचाना और इसके उपचार के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बनाई।
भारत में एनीमिया का बढ़ता प्रकोप
भारत में एनीमिया का स्तर चिंताजनक है। खासकर त्रिपुरा, तेलंगाना, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़, असम और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में 50% से ज्यादा गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। बिहार, गुजरात और पश्चिम बंगाल में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की स्थिति सबसे खराब पाई गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बिहार में 63.1%, गुजरात में 62.6% और पश्चिम बंगाल में 62.3% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
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एनीमिया मुक्त भारत रणनीति
भारत में महिलाओं और बच्चों में एनीमिया के प्रसार को कम करने के लिए 'एनीमिया मुक्त भारत' रणनीति लागू की गई है। इसके तहत, गर्भवती महिलाओं को आयरन और फोलिक एसिड की खुराक दी जाती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) के अनुसार, भारत में 15 से 49 वर्ष की गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की बीमारी 52.2% है।
विश्व में एनीमिया से प्रभावित क्षेत्र
विश्व के अन्य हिस्सों में भी एनीमिया का प्रकोप बढ़ रहा है। पूर्व एशिया और अफ्रीका इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अफ्रीका में 106 मिलियन महिलाएं और 103 मिलियन बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं।
समाधान की दिशा में कदम
WHO और UNICEF इस बीमारी को रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और 2030 तक इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। इसके लिए आयरन और फोलिक एसिड की खुराक देने के अलावा, एनीमिया की जागरूकता बढ़ाने और सही उपचार मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यह एक गंभीर वैश्विक समस्या है, जिसके लिए विश्व समुदाय को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि एनीमिया के बढ़ते प्रकोप को रोका जा सके और इसके इलाज के लिए बेहतर समाधान उपलब्ध हो सके।