पानी और खून वाली रसौली में फर्क समझें, यूट्रस को किससे ज्यादा खतरा?
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 04:03 PM (IST)

नारी डेस्कः पानी वाली रसौली (Cyst) और खून वाली रसौली (Fibroid) दोनों ही महिलाओं को होने वाली आम समस्याएं हैं हालांकि इन दोनों का संबंध महिला की गर्भाश्य से रहता है लेकिन लेकिन ये दोनों अलग-अलग प्रकार की गांठें होती हैं। चलिए आपको पानी वाली रसौली (Ovarian Cyst) और खून वाली रसौली (Uterine Fibroid) के बीच अंतर बताते हैं।
पानी वाली रसौली (Ovarian Cyst) क्या है?
यह तरल (fluid)-से भरी एक थैली होती है जो महिलाओं के अंडाशय (Ovary) में बनती है। यह सामान्य रूप से हार्मोनल बदलाव के कारण होती है और कई बार खुद ही बिना इलाज के ठीक भी हो जाती है।
कितने तरह की होती है ओवेरियन सिस्ट?
फंक्शनल सिस्ट (Functional cysts) – यह सबसे सामान्य सिस्ट है जो मासिक धर्म चक्र के दौरान बनती हैं और कुछ हफ्तों में गायब हो जाती हैं।
डरमॉयड सिस्ट (Dermoid cysts) – यह एक जन्मजात रसौली होती है, जो भ्रूण विकास के दौरान बनती है। इसमें त्वचा, बाल, दांत, वसा, हड्डी या नाखून जैसी चीजें हो सकती हैं। ये आमतौर पर बिना दर्द के होती हैं लेकिन अगर बड़ी हो जाए तो दर्द या अन्य लक्षण दे सकती हैं।
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriomas) – यह एंडोमेट्रियोसिस के कारण बनती हैं।
पीसीओएस (Polycystic Ovary (PCOS) – एक से ज़्यादा छोटे-छोटे सिस्ट अंडाशय में होते हैं।
पानी वाली रसौली के लक्षण
पेट के नीचे खिंचाव या भारीपन
मासिक धर्म में अनियमितता
पेट फूला-सा लगना
कभी-कभी पीठ या पैर में दर्द
इंटरकोर्स के समय दर्द
पानी वाली रसौली की जांच कैसे करवाएं?
इसके लिए आपको पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound) और CA-125 blood test (ओवेरियन कैंसर रिस्क के लिए, अगर जरूरत हो) करवाया जा सकता है।
पानी वाली रसौली का इलाज
छोटी सिस्ट: 2–3 महीनों में अपने आप ठीक हो जाती है।
बड़ी या दर्द वाली सिस्ट: हार्मोनल दवाएं या Laparoscopy
कैंसर की आशंका हो तो सर्जिकल रिमूवल भी किया जाता है।
2. खून वाली रसौली (Uterine Fibroid) क्या है?
ये ठोस गांठें होती हैं जो मांसपेशी और फाइबर टिशू से बनी होती हैं और सिर्फ गर्भाशय (Uterus) में पाई जाती हैं। इन्हें हिंदी में गर्भाशय की मांसपेशीय गांठ या रक्त रसौली भी कहते हैं।
कितनी तरह की होती है खून वाली रसौली
Intramural Fibroids – गर्भाशय की दीवार में
Submucosal Fibroids – गर्भाशय की अंदरूनी परत के नीचे
Subserosal Fibroids – गर्भाशय की बाहरी सतह पर
Pedunculated – डंठल जैसी रचना में जुड़ी होती हैं
खून वाली रसौली के लक्षण
बहुत ज्यादा और लंबे समय तक पीरियड्स (menorrhagia)
पेट में भारीपन या दबाव
बार-बार पेशाब लगना
कब्ज़
गर्भधारण में कठिनाई
पीठ या जांघों में दर्द
कैसे होगी जांच ?
इसके लिए अलट्रासाउंड Ultrasound, MRI (अगर फाइब्रॉइड बड़ी हो या जटिल हो)
Hysteroscopy (अगर गर्भाशय की परत में हो) करवाया जा सकता है।
खून की रसौली का इलाज
हार्मोनल दवाएं, आयरन टैबलेट (भारी ब्लीडिंग से होने वाली एनीमिया के लिए), Myomectomy (सिर्फ फाइब्रॉइड हटाना, गर्भाशय सुरक्षित), Hysterectomy (अगर महिला की उम्र ज़्यादा है और परिवार पूरा हो गया है) डॉक्टर वाला बताया जा सकता है।
अगर रसौली है तो क्या करें महिला?
हर 6 महीने में गाइनो जांच कराएं
मासिक धर्म में अनियमितता या अत्यधिक ब्लीडिंग को हल्के में न लें।
अगर दर्द बना रहे या सूजन हो, तो तुरंत अल्ट्रासाउंड कराएं।
संतुलित आहार और स्ट्रेस-फ्री जीवनशैली अपनाएं।