बच्चों में डायरिया को न करें नजरअंदाज, समय पर करे ये जरूरी इलाज

punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 04:22 PM (IST)

नारी डेस्क: डायरिया, यानी दस्त की परेशानी, बच्चों में बहुत आम होती है खासकर गर्मी और बरसात के मौसम में। जब किसी बच्चे को बार-बार ढीला, पानी जैसा मल होने लगे तो यह डायरिया होता है। यह तब खतरनाक बन जाता है जब शरीर में पानी और जरूरी मिनरल्स की कमी होने लगे जिसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है। बच्चों का शरीर छोटा होता है इसलिए पानी की कमी बहुत जल्दी हो सकती है। यही कारण है कि डायरिया को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह किसी अन्य बीमारी या संक्रमण का संकेत भी हो सकता है।

कब चिंता की बात होती है?

कभी-कभी हल्का डायरिया सामान्य होता है, जैसे कि जब बच्चा नई चीज़ें खाता है या मौसम बदलता है। लेकिन अगर बच्चा दिन में 3-4 बार से ज्यादा पतले दस्त कर रहा है, तो यह चिंता का कारण बन सकता है।

डायरिया के सामान्य कारण:
गंदा खाना या पानी
हाथ साफ न होना
बोतल या बर्तन साफ न होना
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
खुले में शौच जाना
गंदे खिलौने या चीजें मुंह में डालना

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दूध न पच पाना भी हो सकता है कारण

कई छोटे बच्चों को लैक्टोज इन्टॉलरेंस होता है यानी वे दूध ठीक से नहीं पचा पाते। इससे भी डायरिया हो सकता है। इसके अलावा, कभी-कभी नई चीज खाने पर या ज्यादा एंटीबायोटिक दवाएं लेने पर भी दस्त हो सकते हैं। बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है, इसलिए वे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।

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डायरिया होने पर सबसे ज़रूरी है – पानी और नमक की पूर्ति

जब बच्चा डायरिया से पीड़ित होता है तो उसके शरीर से बहुत सारा पानी, नमक और जरूरी तत्व (इलेक्ट्रोलाइट्स) बाहर निकल जाते हैं। इस स्थिति में सबसे जरूरी है कि बच्चे को ओआरएस (ORS) का घोल पिलाया जाए। हर बार दस्त के बाद ORS देना चाहिए, ताकि शरीर में पानी और नमक की कमी न हो। छोटे बच्चों को माँ का दूध जरूर देते रहें, क्योंकि यह पोषण भी देता है और डिहाइड्रेशन से भी बचाता है।

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क्या खाना दें?

बच्चे को हल्का और आसानी से पचने वाला खाना देना चाहिए, जैसे:
खिचड़ी
दाल-चावल
केला
सेब की चटनी
दही
भारी, तली-भुनी चीजें या दूध जैसी चीजों से परहेज करें।
अगर बच्चा खाना नहीं चाहता तब भी उसे थोड़ा-थोड़ा खाते रहने को कहें। साथ में खूब सारा साफ पानी, नारियल पानी या नींबू पानी पिलाएं।

साफ-सफाई है सबसे जरूरी

डायरिया से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
बच्चों को खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथ धोने की आदत डालें
बोतल, बर्तन और खिलौने रोज साफ करें
साफ और उबला हुआ पानी पिलाएं
बाहर का खाना देने से बचें
खुले में खेलने के बाद भी हाथ ज़रूर धुलवाएं। साफ-सफाई और सतर्कता से डायरिया से बचा जा सकता है।

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नवजात और छोटे बच्चों में डायरिया – ज्यादा खतरा

अगर बच्चा 6 महीने से छोटा है, और उसे दस्त हो जाएं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इतने छोटे बच्चों में डिहाइड्रेशन बहुत जल्दी हो सकता है और उनका शरीर इसे सह नहीं पाता। समय पर इलाज न मिलने से कमजोरी, वजन कम होना, कुपोषण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अगर बच्चे को 24 घंटे से ज्यादा दस्त हों, तो देरी न करें।

कब डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए?

अगर बच्चा बहुत सुस्त हो जाए, आंखें धंसी हुई लगें, पेशाब कम आए, बार-बार उल्टी हो, खून के साथ दस्त हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डिहाइड्रेशन बढ़ने पर बच्चे को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ सकता है।

डायरिया को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, खासकर छोटे बच्चों में। सही समय पर ORS देना, हल्का खाना, साफ पानी और साफ-सफाई से न केवल इलाज किया जा सकता है, बल्कि इसे रोका भी जा सकता है। सावधानी और सही देखभाल से आपका बच्चा जल्दी ठीक हो सकता है।
 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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