बच्चे को बनाना है तेज और समझदार तो पेरेंट्स आज से अपनाएं ये 5 आदतें

punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 02:09 PM (IST)

नारी डेस्क: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा पढ़ाई में अच्छा करे, आत्मविश्वासी हो, समझदार बने और जीवन में आने वाली हर चुनौती का सामना पूरे फोकस और समझदारी से करे। बच्चों का दिमाग जितना तेज और समझदार होता है, वे उतनी जल्दी चीज़ें समझ पाते हैं, सही फैसले ले पाते हैं और खुद को अच्छे से दूसरों के सामने रख पाते हैं। बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट को बेहतर बनाने के लिए 5 जरूरी आदतों के बारे में बताया है, जिन्हें हर पैरेंट को अपने बच्चे की परवरिश में शामिल करना चाहिए। आइए इन बातों पर एक-एक करके नज़र डालते हैं।

घर का माहौल रखें पॉजिटिव और शांत

बच्चे जिस माहौल में पलते हैं, उनका दिमाग उसी के अनुसार बनता और बढ़ता है। अगर घर का माहौल शांति और प्यार से भरा होगा तो बच्चा भी मानसिक रूप से मजबूत और खुशहाल बनेगा। मम्मी-पापा और बच्चों के बीच एक गहरा जुड़ाव (बॉन्ड) होना बहुत जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि पूरा परिवार रोज थोड़ा समय एक-दूसरे के साथ बिताए। चाहे वो साथ में खाना खाना हो, कोई मस्ती भरा गेम खेलना हो, एक साथ गाना गाना या डांस करना हो, पिलो फाइट या पकड़म पकड़ाई जैसा कोई खेल हो। ये सभी छोटी-छोटी चीजें बच्चों के मानसिक विकास में बड़ा रोल निभाती हैं।

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बच्चों को दें फ्री प्ले टाइम

दूसरी सबसे जरूरी चीज है बच्चों को खुलकर खेलने का समय देना। हर बच्चे को रोज शाम को कम से कम 1 घंटा बाहर खुले मैदान में खेलने का मौका जरूर मिलना चाहिए। बच्चा अगर दौड़ता है, कूदता है, चढ़ता है या फिजिकल एक्टिविटीज करता है तो इससे उसका नर्वस सिस्टम मजबूत होता है जो दिमाग के विकास में बहुत मदद करता है। इसके अलावा, यह खेलने का समय बच्चे की क्रिएटिव सोच, आत्मविश्वास और सोशल स्किल्स को भी बढ़ाता है।

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बच्चों का न्यूट्रिशन रखें बैलेंस्ड

बच्चों के खाने-पीने का खास ध्यान रखा जाए। घर का बना ताजा खाना ही सबसे अच्छा होता है। बच्चों को प्रोसेस्ड, पैकेज्ड या बाहर का फास्ट फूड बिल्कुल न दें। फल, सब्जियां, दाल, रोटी, दूध, नट्स और देसी खाना बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी होता है। सही पोषण ना सिर्फ शरीर को ताकत देता है, बल्कि दिमाग को भी एक्टिव और फोकस्ड बनाए रखता है।

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रूटीन ना करें गड़बड़

एक और बहुत जरूरी बात जो अक्सर पैरेंट्स नजरअंदाज कर देते हैं – बच्चे का स्लीप रूटीन। अगर बच्चा कभी 12 बजे, कभी 1 बजे और कभी 2 बजे सोता है, तो ये बदलाव उसके दिमाग के लिए झटके की तरह होते हैं। बच्चे का हर दिन एक तय समय पर सोना और एक तय समय पर उठना बहुत जरूरी है। सही रूटीन से बच्चे को नींद भरपूर मिलती है और उसका दिमाग फ्रेश और एक्टिव रहता है। रूटीन गड़बड़ होने से बच्चा चिड़चिड़ा, थका हुआ और कम ध्यान देने वाला बन सकता है। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि सोने और खाने का रूटीन बच्चे के लिए पहले दिन से ही तय करें और उसे लगातार फॉलो कराएं।

पैरेंट्स खुद इन बातों को लें सीरियसली

अगर आप ऊपर बताई गई 5 आदतों को नजरअंदाज करते हैं, तो उसका सीधा असर आपके बच्चे के व्यवहार पर पड़ सकता है। ऐसा बच्चा बार-बार चिड़चिड़ा हो सकता है, जरूरत से ज्यादा जिद या टैंट्रम दिखा सकता है, पढ़ाई या एक्टिविटीज में फोकस नहीं कर पाएगा। इसलिए जरूरी है कि माता-पिता इन बातों को हल्के में न लें और बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए इन सभी बातों को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं।

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बच्चों का दिमाग एक स्पंज की तरह होता है जितना अच्छा आप उसमें भरेंगे, उतना अच्छा वो आगे जाकर करेगा। अगर आप ये 5 आसान बातें अपने रोजमर्रा में शामिल कर लें, तो आपका बच्चा न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि पूरी जिंदगी में शानदार प्रदर्शन करेगा।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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