क्या AI खिलौने बच्चों की कल्पनाशक्ति को बढ़ा रहे हैं या कर रहे हैं सीमित?

punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 03:10 PM (IST)

नारी डेस्क: एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आज सिर्फ लैपटॉप या मोबाइल में नहीं, बल्कि बच्‍चों के खिलौनों में भी पहुंच चुका है। सवाल है क्या यह बच्चों की कल्पनाशक्ति को बढ़ाता है या उसे बाधित करता है? 2015 में मटेल कंपनी ने हेलो बेबी नाम की एक इंटरनेट से जुड़ी डॉल लॉन्च की थी। यह बच्चे की बातें सुनती और एआई के जरिए जवाब देती थी। लेकिन रिसर्चर्स ने चेताया कि यह डॉल बच्चों की आवाज़ और निजी बातें रिकॉर्ड कर सकती है, जिससे प्राइवेसी जोखिम बढ़ जाता है। अंततः इसे सुरक्षा कमियों के चलते बंद कर दिया गया। हिम्स और एलॉन मस्क के बेटे से प्रेरित होकर एक सॉफ्ट टॉप खिलौना बनाया गया। शुरुआत में यह बच्चों को चौंका देने वाला था लेकिन जल्द ही बच्चों को इसकी बातचीत अनावश्यक और अजीब लगने लगी। इससे यह भी जल्दी बाज़ार से गायब हो गया।

क्या बच्चों को सच में एआई की ज़रूरत है?

अरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्चर नाओमी अनुषर कहती हैं कि बच्चों की कल्पना और रचनात्मक शक्ति स्वाभाविक रूप से ही शानदार होती है। वे बिना किसी तकनीक के भी आम खिलौनों को जिंदगी देने में सक्षम होते हैं। इसलिए जरूरी नहीं कि एआई खिलौने ही बेहतर विकल्प हों।

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सकारात्मक उदाहरण: टॉनीबॉक्स ऑडियो प्लेयर

टॉनीबॉक्स एक छोटा ऑडियो प्लेयर है, जिसमें कैनेटर्स होते हैं जिनमें कहानियों और गानों को डाला जा सकता है। इसमें बच्चे अपनी आवाज़ रिकॉर्ड भी कर सकते हैं। इससे उन्हें इंटरैक्टिव अनुभव मिलता है बूढ़े यानी दादी-नानी की कहानियों को सुनने का मौका और अपनी आवाज़ अनुभव कराने का मौका।

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Yoto प्लेयर: कार्ड-बेस्ड एआई खिलौना

Yoto प्लेयर भी टॉनीबॉक्स जैसा है। इसमें कार्ड डालकर ऑडियो प्ले किया जाता है। हाल ही में इसने स्टोरी जनरेटर का बीटा वर्ज़न लॉन्च किया है जिससे पेरेंट्स खुद की कहानियां बना सकते हैं। यह खिलौना स्क्रीन-फ़्री इंटरफ़ेस रखता है, जिससे बच्चों को भारी मात्रा में स्क्रीन नहीं देखनी पड़ती।

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जांच के दो मुख्य पहलू

जब भी एआई खिलौने खरीदें, इन बातों का ध्यान रखें
बच्चों के विकास पर यह कैसे असर डालेगा?
कल्पना और रचनात्मकता को बढ़ाएगा या सीमित करेगा?
सेफ्टी, गोपनीयता (प्राइवेसी) और सामग्री की गुणवत्ता।

एआई खिलौने एक दोधारी तलवार की तरह हैं। कुछ उदाहरण, जैसे टॉनीबॉक्स या Yoto प्लेयर, बच्चों के इंटरएक्टिव और क्रिएटिव विकास में मददगार हो सकते हैं। लेकिन इंस्टेंट चेट करना, रिकॉर्डिंग, या लाइफ-साइज संवाद जैसे खिलौने हमेशा सही नहीं होते। इसलिए आवश्यक है कि माता-पिता सावधानी से ही एआई खिलौने चुनें—ऐसे जो न केवल मनोरंजक हों, बल्कि सुरक्षित और बच्चों की प्राकृतिक कल्पना को समझने में सहायक भी हों।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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