माता-पिता की ये 5 आदतें बच्चों को बना देती हैं आलसी, जानिए कैसे
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 01:07 PM (IST)
नारी डेस्क: आजकल के समय में माता-पिता अपने बच्चों की खुशियों और जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन कभी-कभी बिना जानबूझ कुछ ऐसी आदतें अपनाते हैं जो बच्चों में आलस्य को बढ़ावा देती हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे मेहनती और एक्टिव बनें, तो आपको अपनी कुछ आदतों पर ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं वे 4 आदतें, जो बच्चों को आलसी बना सकती हैं:
बच्चे के सारे काम खुद करना
बच्चों को हर छोटी-छोटी चीज़ में मदद करना और हर काम आसान बना देना उनकी आलस्य को बढ़ावा देता है। जब माता-पिता बच्चों के लिए हर चीज़ को आसान बना देते हैं, तो बच्चे खुद से कोई कोशिश नहीं करते। उदाहरण के लिए, अगर आप हर बार बच्चे का बैग खुद पैक करते हैं या हर बार उन्हें बटन ढूंढने में मदद करते हैं, तो बच्चा इन छोटे-छोटे कार्यों में भी आलसी हो जाता है। बच्चों को उनके काम खुद करने का अवसर दें, जैसे कि उनका बैग पैक करना, जूते पहनना या स्कूल का होमवर्क पूरा करना। इससे वे खुद से काम करने की आदत डालें और जिम्मेदार बनेंगे।
जरूरत से ज्यादा दुलार करना
अगर माता-पिता बच्चों को ज्यादा दुलार करते हैं और हमेशा उनके साथ रहते हैं, तो बच्चे किसी भी तरह के काम में खुद से शुरुआत नहीं करते। जब बच्चे ये समझते हैं कि माता-पिता हमेशा उनके पास हैं और हर काम में मदद करेंगे, तो उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने में आलस्य महसूस होता है। बच्चों को थोड़ी आजादी दें। उन्हें कुछ समय अकेले बिताने और खुद से निर्णय लेने का अवसर दें। इससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे और जीवन के छोटे-मोटे समस्याओं का हल खुद खोजेंगे।
बच्चे को ज्यादा देर फोन, टेलीविजन या वीडियो गेम्स देना
आजकल के बच्चों को टीवी और वीडियो गेम्स का बहुत शौक होता है। जब माता-पिता अपने बच्चों को घंटों तक इन चीजों में व्यस्त रखते हैं, तो बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। यह आलस्य को बढ़ावा देता है क्योंकि बच्चे इन एक्टिविटीज में इतना खो जाते हैं कि उन्हें बाहर खेलना या पढ़ाई करना पसंद नहीं आता।बच्चों को शारीरिक एक्टिविटीज़ और खेलों के लिए प्रेरित करें। दिन में कुछ समय बाहर खेलने के लिए उन्हें बाहर भेजें और स्क्रीन टाइम को सीमित रखें। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होगा।
पेरेंट्स का एक्टिव न होना
वहीं, बच्चा एक्टिव होगा या नहीं ये माता-पिता पर पूरी तरह निर्भर होता है। बहुत से पेरेंट्स ज्यादातर समय टीवी और फोन देखने में लगे रहते हैं जिसे आपका बच्चा कॉपी करता है। वो भी फिर फोन और टीवी देखने में अपना समय बर्बाद करता है।
बच्चों के लिए समय पर सब कुछ लाकर देना
जब माता-पिता बच्चों के लिए सब कुछ समय पर लाकर देते हैं, जैसे कि उनका पसंदीदा खाना, गिफ्ट्स या चीज़ें, तो बच्चे किसी भी कार्य में खुद से पहल नहीं करते। इससे उन्हें यह आदत पड़ जाती है कि सब कुछ बिना प्रयास के उन्हें मिल जाएगा। बच्चों को खुद से कुछ काम करने के लिए प्रेरित करें, जैसे खुद से खाना बनाना या कोई छोटी सी मदद करना। यह उन्हें मेहनत और परिश्रम की अहमियत समझाएगा।
माता-पिता की आदतों का बच्चों पर गहरा असर पड़ता है। अपने बच्चों की आदतों पर ध्यान दें और पॉजिटिव बदलाव लाने की कोशिश करें, ताकि वे जीवन में सफल और खुशहाल रहें।