महिलाओं को बांझपन से बचाते हैं ये  फूड्स, फर्टिलिटी को नैचुरली बढ़ाएं डाइट में जरूर करें शामिल

punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 05:31 PM (IST)

 नारी डेस्क: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, तनाव, अनियमित खानपान और बदलती जीवनशैली का सबसे बड़ा असर महिलाओं की सेहत पर पड़ता है। खासकर फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) पर इसका असर साफ दिखाई देता है। कई महिलाएं आजकल बांझपन (infertility) की समस्या से जूझ रही हैं। हालांकि समय रहते सही खानपान और जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसे 6 सुपरफूड्स के बारे में, जिन्हें नियमित डाइट में शामिल करके महिलाएं अपनी फर्टिलिटी को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकती हैं।

अखरोट (Walnuts)

अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को सुधारता है और यूटेरस (गर्भाशय) की सेहत को बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद जिंक और फोलेट फर्टिलिटी के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं। रोजाना एक मुट्ठी अखरोट खाने से ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) नियमित होता है और गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

PunjabKesari

बीज (Seeds)  अलसी, कद्दू और सूरजमुखी के बीज

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए बीजों को सुपरफूड माना जाता है। खासतौर पर अलसी के बीज (Flaxseeds), कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds) और सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds) शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करते हैं। इनमें विटामिन E, जिंक और सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। आप इन बीजों को स्मूदी, सलाद या दही में मिलाकर खा सकती हैं।

 हरी पत्तेदार सब्जियां (Leafy Greens)

पालक, सरसों, मेथी और दूसरी हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन, फोलेट, कैल्शियम और विटामिन C का अच्छा स्रोत हैं। ये सभी पोषक तत्व अंडाशय (Ovaries) और यूटेरस की कार्यक्षमता बढ़ाते हैं। साथ ही ये शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सुधारते हैं, जिससे गर्भधारण में सहायता मिलती है। आयरन की कमी महिलाओं में ओव्यूलेशन में गड़बड़ी का कारण बन सकती है, इसलिए हरी सब्जियाँ डाइट में जरूर शामिल करें।

PunjabKesari

 दूध और डेयरी उत्पाद (Dairy Products)

फुल-फैट दूध, दही, पनीर और घी जैसे डेयरी उत्पाद कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन D से भरपूर होते हैं। ये सभी पोषक तत्व हॉर्मोन बैलेंस बनाए रखने में सहायक होते हैं और अंडाणु की गुणवत्ता (egg quality) को बेहतर बनाते हैं। रिसर्च से यह भी पता चला है कि जो महिलाएं लो-फैट डेयरी उत्पाद की तुलना में फुल-फैट डेयरी लेती हैं, उनमें ओव्यूलेशन डिसऑर्डर का खतरा कम होता है।

ये भी पढ़ें: मेनोपॉज़ में रिश्तों में दूरी नहीं समझदारी जरूरी, यौन स्वास्थ्य पर खुलकर बोले एक्सपर्ट्स

 फल खासकर बेरीज (Berries)

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी जैसे फल एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C से भरपूर होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से शरीर की रक्षा करते हैं और अंडाणु कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं। ये फल महिलाओं की प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखते हैं और पीसीओएस (PCOS), एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं से बचाने में मददगार हैं। साथ ही ये इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाते हैं।

 अंडा (Eggs)

अंडे प्रोटीन, विटामिन B12, कोलीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत होते हैं। यह न केवल ओव्यूलेशन को नियमित करता है बल्कि अंडाणु की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है। अंडे में मौजूद कोलीन भ्रूण के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप अंडा खाती हैं, तो इसे उबालकर या ऑमलेट के रूप में डाइट में शामिल करें।

PunjabKesari

अंत में कुछ जरूरी बातें

इन खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने के साथ-साथ नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव से दूर रहना भी जरूरी है। फर्टिलिटी एक संवेदनशील विषय है, इसलिए कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह जरूर लें। प्राकृतिक और संतुलित आहार से न केवल महिलाओं की सेहत सुधरती है, बल्कि भविष्य में गर्भधारण की संभावना भी बढ़ती है।

महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है। ऊपर बताए गए 6 फूड्स – अखरोट, बीज, हरी सब्जियाँ, डेयरी उत्पाद, बेरीज और अंडे – को अपनी डेली डाइट में शामिल करें और बांझपन की समस्या से बचाव करें। ये न सिर्फ सेहतमंद जीवनशैली का हिस्सा हैं, बल्कि एक खुशहाल मातृत्व की ओर भी पहला कदम हैं।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static