सावन में ऐसे करें शिवलिंग की पूजा और अपनाएं ये जरूरी सावधानियां, भोलेनाथ होंगे प्रसन्न
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 11:22 AM (IST)

नारी डेस्क: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन या श्रावण मास में शिवलिंग की पूजा का बहुत बड़ा महत्व होता है। इस महीने को भगवान शिव का प्रिय महीना कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी महीने समुद्र मंथन हुआ था और शिवजी ने विषपान करके संसार की रक्षा की थी। इसी कारण सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा करने से विशेष फल मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है।
सावन में शिवजी की पूजा का महत्व
सावन में शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस महीने भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। विशेषकर सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से लाभ अधिक होता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति सावन में सच्चे मन से शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
अगर कुंडली में शनि, राहु, केतु या चंद्र दोष हो तो सावन में शिवलिंग पूजा करने से उन दोषों का भी प्रभाव कम होता है। इसके अलावा सावन में शिवलिंग पूजा करने से व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है। कुंवारी कन्याएं भी सावन में शिवलिंग की पूजा और व्रत करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर मिल सके।
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सावन में शिवलिंग पूजा की विधि
स्नान करके साफ वस्त्र पहनें: सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें। अगर आप सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो व्रत का संकल्प भी लें।
शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं: सबसे पहले शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं। अगर गंगा जल उपलब्ध न हो तो साफ पानी भी उपयोग कर सकते हैं। इसके बाद दूध, शहद, दही, घी और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करें। इन सबको मिलाकर पंचामृत बनता है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है।
बेलपत्र अर्पित करें: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। ध्यान रखें कि बेलपत्र ताजा हो और उस पर चंद्र (त्रिपत्री) बना हो। बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
धतूरा और भांग चढ़ाएं: शिवलिंग पर धतूरा, भांग और आक के फूल चढ़ाना भी शुभ होता है। ये चीजें भगवान शिव को बहुत पसंद हैं।
फूल और फल अर्पित करें: शिवलिंग पर सफेद फूल जैसे कनेर, चमेली या मदार के फूल चढ़ाएं। साथ ही फल भी अर्पित करें।
दीपक और धूप जलाएं: शिवलिंग के सामने दीपक और धूप जलाएं। दीपक में गाय का घी या तिल का तेल डाल सकते हैं।
मंत्र जाप करें: भगवान शिव के मंत्र का जाप करें। सबसे सरल और प्रसिद्ध मंत्र है – ‘ॐ नमः शिवाय'। इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। आप महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं
आरती करें: पूजा के अंत में शिवजी की आरती करें और भोग लगाएं। भोग में मावे की मिठाई, फल या सूखे मेवे रख सकते हैं।
व्रत का पालन करें: यदि आप व्रत रख रहे हैं तो पूरे दिन फलाहार करें और शिवजी का स्मरण करते रहें।
सावधानी के उपाय
शिवलिंग पर कभी तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं।
पूजा के समय मन में क्रोध, लोभ या किसी के प्रति द्वेष न रखें।
बेलपत्र को उल्टा या गलत तरीके से चढ़ाना उचित नहीं है।
सावन मास में भगवान शिव की पूजा का सही और श्रद्धापूर्वक पालन करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है। इसलिए सावन के महीने में शिवलिंग की विधिपूर्वक पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।