Budh Pradosh Vrat: इन मंत्रों से करें भगवान शिव की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त व व्रत नियम

punjabkesari.in Tuesday, Jul 06, 2021 - 06:19 PM (IST)

भगवान शिव को त्रयोदशी तिथि अतिप्रिय मानी जाती है। जुलाई महीने का प्रदोष व्रत बुधवार को आने से यह बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने व शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन के संकटों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही जीवन के हर मोड़ पर सफलता व तरक्की मिलती है। 

बुध प्रदोष व्रत का महत्व

मान्यता है इस व्रत को रखने व प्रदोष काल में शिव जी और देवी पार्वती की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। जीवन की समस्याएं दूर होकर घर में सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है। दुश्मनों से छुटकारा मिलने के साथ कारोबार व नौकरी से जुड़ी परेशानियों से भी राहत मिलती है। साथ ही जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। 

बुध प्रदोष व्रत तिथि व शुभ मुहूर्त 

बुध प्रदोष व्रत आरंभ- 7 जुलाई 2021, दिन बुधवार, सुबह 01:02 बजे
बुध प्रदोष व्रत समाप्त- 8 जुलाई 2021, दिन गुरुवार, सुबह 03:20 बजे तक 

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पूजा का शुभ मुहूर्त 

प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जा सकती है। इस पूजा का शुभ मुहूर्त बुधवार की शाम 7:23 बजे से रात 9:24 बजे तक रहेगा।

भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इन मंत्रों का करें जाप 

ऊं नम: शिवाय

ऊं सद्योजाताय नम:

ऊं ईशानाय नम:

ऊं अघोराय नम:

ऊं तत्पुरुषाय नम:

ऊं वामदेवाय नम:

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प्रदोष व्रत के नियम

. सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ कपड़े पहनें। 

. भगवान शिव का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। 

. इस दिन व्रती को भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। 

. इस दिन खासतौर पर गुस्सा व झगड़ा करने से बचना चाहिए। 

. प्रदोष व्रत के दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

. इस व्रत में शिव जी की पूजा प्रदोष काल में होती है। ऐसे में शाम को नहाकर व साफ कपड़े पहनकर भगवान और देवी पार्वती की पूजा करें। 

. पूजा में कुशा के आसन का प्रयोग करें। 


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neetu

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