बसंत पंचमी पर क्यों पहनें जाते हैं पीले कपड़े? जानिए इस दिन का महत्व

punjabkesari.in Thursday, Feb 03, 2022 - 12:50 PM (IST)

ऋतुओं के राजा बसंत ऋतु की शुरुआत बसंत पंचमी के दिन से होती है। हर साल बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस दिन लोग पीले पकवान बनाते हैं और पीले रंग के कपड़े पहनते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं क्यों?

क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी?

हिंदू धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है।  शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। अन्य मान्यता के अनुसार इस त्योहार को सर्दियों के अंत और वसंत के स्वागत के रूप में चिह्नित किया जाता है क्योंकि 'बसंत ऋतु' का अर्थ हिंदी में वसंत ऋतु है।

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क्यों पहने जाते हैं पीले कपड़े?

माना जाता है कि जब सरस्वती ने अवतार लिया था तब ब्रह्मांड में एक लाल, पीली और नीली आभा थी। पीली आभा पहले दिखाई दे रही थी। वहीं, मां सरस्वती का प्रिय रंग पीला है इसलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। मगर, इस दिन काले, लाल या गहरे रंग के कपड़े न पहनें। इस दिन प्रेम के देवता कामदेव की भी पूजा की जाती है।

छात्रों के लिए बसंत पंचमी पर्व

इस दिन बच्चों को उनके पहले शब्द पढ़ना और लिखना सिखाया जाता है क्योंकि बच्चे की शिक्षा शुरू करने के लिए बसंत पंचमी 
 शुभ दिन माना जाता है। छात्र अपनी नोटबुक, कलम और शैक्षिक सामान देवी सरस्वती की मूर्ति के पास रखते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए मां सरस्वती का जाप करते हैं।

बसंत पंचमी और पीले रंग का पर्व

'पीला' इस त्योहार का प्रमुख रंग है क्योंकि यह फलों और फसलों के पकने का प्रतीक है। उत्तर भारत में सरसों के खेत इस मौसम में खिलते हैं और प्रकृति को एक पीला कोट देते हैं। लोग पीले कपड़े पहनते हैं, देवी को पीले फूल चढ़ाते हैं और माथे पर पीले, हल्दी का तिलक लगाते हैं। इसके अलावा पीला रंग शिक्षकों, ज्ञान और शुभता के साथ गहराई से भी जुड़ा हुआ है।

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Content Writer

Anjali Rajput

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