बप्पा की बिदाई करते समय ध्यान में रखें ये बातें, ऐसे करें गजानन का विसर्जन

punjabkesari.in Saturday, Sep 03, 2022 - 06:29 PM (IST)

पूरे भारत में गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश के कोने-कोने में बप्पा के भव्य पंडाल सजे हुए हैं। कई घरों में गणेश जी की स्थापना भी की गई है। 10 दिनों तक चलने वाले इन उत्सव में अनंत चतुर्थी के दिन बप्पा का विसर्जन किया जाता है। कई लोग अपने घर में गौरी पुत्र गणेश को डेढ़ दिन के लिए स्थापित करते हैं, कई तीन दिन के लिए, कई पांच दिन, कई सात, कई नौ या कई लोग पूरे दस दिन के लिए गणपति जी का भव्य स्वागत करते हैं। तय समय के बाद बप्पा की मूर्ति पानी में विसर्जित की जाती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं...

PunjabKesari

ऐसे करें मूर्ति का विसर्जन

. मूर्ति का विसर्जन करने वाले दिन आप भगवान गणेश जी की अच्छे से पूजा अर्चना करें। फल , माला, दूर्वा, नारियल, अक्षत, हल्दी, कुमकुम सारी चीजें गजानन को चढ़ाएं। पान, बताशा, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। मोदक और लड्डू को गणेश जी को भोग लगाएं। घी का दीपक जलाएं, धूप जलाने के बाद ऊं गं गणपत्ये नम का जाप भी जरुर करें। फिर एक साफ सुथरी चौकी को गंगाजल से पवित्र करके स्वास्तिक का चित्र बनाएं। चित्र बनाकर इसमें थोड़े से अक्षत डालें। इस चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। इसके चारों कोनों में सुपारी रखें और वस्त्र के ऊपर फूल रखें। इसके बाद गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर रखें। भगवान गणेश को अर्पित किया गया सारा सामान मोदक, सुपारी, लौंग, वस्त्र, दक्षिणा, फूल सारे कपड़ें में बांध कर गणेश जी की मूर्ति के पास रखें। यदि आप किसी तालाब के पास विसर्जन कर रहे हैं तो कपूर के साथ आरती जरुर करें। इसके बाद खुशी-खुशी के साथ विदा करें। गणपति जी को विदा करते समय अगले साल आने की मनोकामना भी जरुर मांगे। यदि कोई भूल हुई हो तो क्षमा मांग लें।  

PunjabKesari

सामान करें विसर्जित 

गणेश जी के साथ सारे वस्त्र और पूजा की सामग्री भी प्रवाहित कर दें। यदि मूर्ति इको फ्रैंडली है तो घर में एक गहरे बर्तन में पानी भरकर उसी में विसर्जित करें। जैसे मूर्ति पानी में घूल जाए तो पानी गमले में डाल दें। इसके बाद पौधे को हमेशा अपने घर में रखें।

इसलिए जरुरी है मूर्ति का विसर्जन 

हिंदू धर्म के अनुसार, सभी देवी-देवताओं को मंत्रों के साथ बांधा जाता है। इसके अलावा कई तरह के शुभ अवसरों में इन्हीं मंत्रों का जाप करके पाठ का आह्वान किया जाता है। इसके बाद अपने लोक में बुलाकर मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसलिए मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। 

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

palak

Recommended News

Related News

static