Menopause को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी, जानिए कैसे रखें सेहत का ध्यान
punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 06:08 PM (IST)

नारी डेस्क: मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति महिलाओं के जीवन का एक ऐसा प्राकृतिक चरण है जब पीरियड्स (मासिक धर्म) हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं। यह बदलाव आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच होता है, लेकिन किसी-किसी महिला में यह जल्दी या देर से भी हो सकता है। इस दौरान शरीर में दो अहम हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसका असर महिला के शरीर और मन दोनों पर पड़ता है।
मेनोपॉज के सामान्य लक्षण
हॉट फ्लैशेस (Hot Flashes): अचानक शरीर में गर्मी का तेज अहसास, चेहरे और गर्दन पर लाली और पसीना, कुछ मिनट तक रह सकता है, दिन या रात किसी भी समय हो सकता है, यह मेनोपॉज का सबसे आम लक्षण है।
नाइट स्वेट्स (Night Sweats): रात को बहुत ज्यादा पसीना आना, नींद में बार-बार जागना, बिस्तर गीला हो जाना, नींद पूरी न होने के कारण दिनभर थकान
मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन: बिना वजह गुस्सा आ जाना, कभी बहुत उदासी, कभी चिंता, छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाना, कुछ महिलाओं में डिप्रेशन भी हो सकता है, यह मानसिक रूप से बहुत परेशान कर सकता है।
भूलने की आदत और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी: बातें याद नहीं रहतीं, ध्यान किसी काम में नहीं लगता, कोई काम अधूरा रह जाता है, खुद पर शक होने लगता है, यह लक्षण आम है लेकिन डरने की जरूरत नहीं है।
नींद की समस्या (Insomnia): रात को नींद न आना, बार-बार नींद खुलना,सुबह थकान महसूस होना, दिनभर आलस्य रहना, नींद की कमी से शरीर और मन दोनों थक जाते हैं।
योनि में सूखापन और सेक्स में रुचि कम होना: योनि की त्वचा पतली और रूखी हो जाती है,सेक्स के दौरान दर्द या जलन, आत्मविश्वास में कमी आ सकती है, सेक्स के प्रति रुचि कम हो जाती है, यह लक्षण बहुत आम है लेकिन इलाज संभव है।
हड्डियों का कमजोर होना (Osteoporosis): शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है, हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होती हैं, गिरने पर फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है, कमर या घुटनों में दर्द रहना, इससे बचाव के लिए नियमित जांच और सही खानपान जरूरी है।
दिल की बीमारियों का खतरा: एस्ट्रोजन की कमी से खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना, दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ता है, वजन बढ़ने से और खतरा बढ़ जाता है
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मेनोपॉज से राहत पाने के आसान उपाय
संतुलित और पोषण से भरपूर आहार लें: हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मौसमी फल, दूध, दही और सूखे मेवे खाएं, कैल्शियम और विटामिन D की पर्याप्त मात्रा जरूरी है, प्रोसेस्ड और बहुत मीठा खाना कम करें, खूब पानी पीएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे।
नियमित व्यायाम करें: हर दिन हल्का व्यायाम जैसे वॉकिंग या योग करें, हड्डियां मजबूत रहती हैं, मूड अच्छा रहता है, शरीर एक्टिव और फिट रहता है।
डॉक्टर की सलाह से हार्मोन थैरेपी लें: यह शरीर में एस्ट्रोजेन की कमी को पूरा करती है, लक्षणों से राहत मिलती है, हर किसी के लिए यह थैरेपी सही नहीं होती, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है
समय-समय पर गाइनेकोलॉजिस्ट से जांच कराएं: हड्डियों की जांच (Bone Density Test), हार्मोन लेवल की जांच, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की निगरानी, किसी भी बदलाव या परेशानी को नजरअंदाज न करें।
जरूरी बातें जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए
मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं है, यह जीवन का एक सामान्य और प्राकृतिक हिस्सा है। इस समय महिला को शारीरिक और मानसिक सहयोग की जरूरत होती है। परिवार और दोस्तों का साथ बहुत जरूरी होता है। अगर कोई लक्षण ज्यादा परेशान कर रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। सही जानकारी, जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव से इस समय को आसानी से संभाला जा सकता है