पूजा में अगरबत्ती जलाने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर, डॉक्टर ने बताया सेहत को हो सकते है नुकसान
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 11:38 AM (IST)

नारी डेस्क : पूजा-पाठ के समय अगरबत्ती जलाना हमारी परंपरा का हिस्सा है। इसकी खुशबू मन को शांति और सुकून देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना अगरबत्ती जलाना आपकी सेहत पर धीरे-धीरे बुरा असर डाल सकता है? अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना सिगरेट का धुआं। आइए जानते हैं इस पर विस्तार से।
घर की हवा हो जाती है प्रदूषित
अगरबत्ती जलने पर उससे PM2.5 कण, कार्बन मोनोऑक्साइड और हानिकारक गैसें निकलती हैं। ये सभी तत्व घर की हवा को प्रदूषित कर देते हैं। जब हम रोज़ाना इस प्रदूषित हवा को सांस के साथ अंदर लेते हैं तो हमारे फेफड़ों पर इसका गहरा असर पड़ता है। लंबे समय तक इस आदत के कारण सांस संबंधी बीमारियाँ बढ़ने लगती हैं।
सिगरेट जितना खतरनाक धुआं
कई शोध में पाया गया है कि सिर्फ एक अगरबत्ती जलाने से उतना ही धुआं निकलता है जितना एक सिगरेट से। यानी अगर आप रोज सुबह-शाम अगरबत्ती जलाते हैं तो यह आपके लिए पैसिव स्मोकिंग जैसा असर करता है। आपको भले ही तुरंत कोई परेशानी न हो, लेकिन धीरे-धीरे यह आदत गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक
अगर घर में छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग या अस्थमा के मरीज हैं, तो उनके लिए अगरबत्ती का धुआं और भी ज्यादा हानिकारक है। बच्चों में इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी और एलर्जी की समस्या हो सकती है। बुज़ुर्गों को यह धुआं अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की दिक्कत बढ़ा सकता है। अस्थमा के मरीजों के लिए तो यह धुआं ट्रिगर की तरह काम करता है।
रोजाना इस्तेमाल से बढ़ सकता है बड़ा खतरा
अगर आप बंद कमरे में रोजाना अगरबत्ती जलाते हैं तो यह धीरे-धीरे आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने लगता है। लंबे समय तक ऐसा करने से आपको ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और सीओपीडी (COPD) जैसी बीमारियां हो सकती हैं। गंभीर मामलों में अगरबत्ती का धुआं लंग कैंसर का कारण भी बन सकता है।
क्या है सुरक्षित विकल्प?
अगर आपको पूजा-पाठ में अगरबत्ती जलाना अच्छा लगता है तो इसे रोजाना न जलाएं, बल्कि कभी-कभी इस्तेमाल करें। और जब भी जलाएं तो खिड़की खोलें या पंखा चालू रखें, ताकि धुआं कमरे में न रुके। अगर आपको रोज़ाना खुशबू या आध्यात्मिक माहौल चाहिए तो इसके लिए कुछ बेहतर विकल्प मौजूद हैं
एसेंशियल ऑयल डिफ्यूजर
इलेक्ट्रिक दीया
प्राकृतिक धूप और रोशनी
ये आपकी सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए सुरक्षित हैं।
पूजा-पाठ में अगरबत्ती जलाना हमारी परंपरा है, लेकिन रोजाना इसका इस्तेमाल आपके लिए खतरनाक हो सकता है। थोड़ी सावधानी बरतें और सुरक्षित विकल्प चुनें ताकि आपकी आस्था भी बनी रहे और सेहत पर भी बुरा असर न पड़े।