मोटापे और डायबिटीज की एक साथ छुट्टी! अमेरिका की नई दवाई एक महीने में गला देगी चर्बी
punjabkesari.in Friday, Mar 21, 2025 - 09:44 PM (IST)

नारी डेस्कः मोटापा एक ऐसी समस्या है जो कई बीमारियों की जड़ बना हुआ है। वजन बढ़ाना जितना आसान है इसे कम करना उतना ही मुश्किल है। इसे कंट्रोल करने के लिए लोग योगा, एक्सरसाइज-जिम, सैर, डाइट और ना जाने कितनी तरीके अपनाते हैं। मोटापे के बाद डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है लेकिन अब इसका हल अमेरिकन फार्मा कंपनी Eli Lilly लेकर आई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में पूरी दुनिया में लगभग 250 करोड़ लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे थे। आंकड़ों की मानें तो भारत में करीब 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और आधे से ज्यादा मरीजों की ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रहती। करीब 100 मिलियन लोगों को मोटापा प्रभावित कर रहा है लेकिन Eli Lilly जिस दवा को लॉन्च कर रहा है वह दवा मोटापे और डायबिटीज दोनों को एक साथ निपटने में मदद कर सकता है इसलिए मोटापे से परेशान भारतीयों के लिए अच्छी खबर है।
बता दें कि अमेरिकन फार्मा कंपनी Eli Lilly ने मोटापा कम करने वाली दवा मोंजारो (Tirzepatide) लॉन्च की है। लोगों में वैक्सीन के रूप में यह दवा लगाई जाएगी। कंपनी का दावा है कि यह दवाई डायबिटीज कंट्रोल करने में तो मदद करेगी ही साथ ही में वजन घटाने में भी मददगार है। दवा का रासायनिक नाम टिर्जेपेटाइड (Tirzepatide) है। भारतीय दवा नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने भी इस दवा को मंजूरी दे दी है।
क्या है अमेरिकन फार्मा कंपनी एली लिली एंड कंपनी का दावा ?
अमेरिकन फार्मा कंपनी एली लिली (Eli Lilly) एंड कंपनी का दावा है कि उनकी यह वजन घटाने वाली दवा Mounjaro, पश्चिमी देशों में व्यापक स्तर पर बिक रही है और यूरोपीय बाजार में काफी पसंद भी की जा रही है। ये दवाई टाइप-2 डायबिटीज में भी मददगार है। मोटापा और शुगर दोनों आपस में जुड़े हैं और मोटापा ही डायबिटीज का एक बड़ा प्रमुख कारण है। बढ़ा हुआ वजन आगे हाई बीपी, डिसलिपिडेमिया, कोरोनरी हार्ट डिजीज और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसी परेशानियां दे सकता है।
वजन घटाने में कैसे मदद करती हैं दवा मोंजारो?
मोंजारो (Mounjaro) इंजेक्शन भूख कम करने का काम करता है। लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास होता जिससे व्यक्ति ज्यादा कैलोरी इनटेक नहीं करता और वजन कम होने लगता है। मोंजारो दो प्राकृतिक हार्मोनस GLP-1 और GIP की तरह काम करता है जो भूख, ब्लड शुगर के लेवल और डाइजेशन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इस दवा से मरीजों का मेटाबॉलिक हेल्थ बेहतर हो सकता है। यह शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने, ग्लूकागोन लेवल को घटाने, इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधारने में मदद करती है। शरीर से फैट की मात्रा कम करके, लिपिड यूटिलाइजेशन को रेगुलेट करती है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित क्लिनिकल ट्रायल के अनुसार, जो लोग डाइट और एक्सरसाइज के साथ मोंजारो दवा ले रहे थे, उन्होंने 72 हफ्तों में औसतन 21.8 किलो (15 mg डोज़ पर) और 15.4 किलो (5 mg डोज़ पर) वजन घटाया।
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कैसे ली जाती है मोंजारो की खुराक ?
मोंजारो की खुराक सामान्य शुरुआती खुराक 4 सप्ताह के लिए प्रति सप्ताह एक बार 2.5 मिलीग्राम (मिलीग्राम) है हालांकि स्थिति के अनुसार, आपकी खुराक डॉक्टर बढ़ा भी सकता है। डॉक्टर हर 4 सप्ताह में खुराक को थोड़ा-थोड़ा बढ़ाते हैं। इस दवा की अधिकतम खुराक प्रति सप्ताह एक बार 15 मिलीग्राम मोंजारो होती है।
कैसे दिया जाता है मोंजारो इंजेक्शन ?
मोंजारो इंजेक्शन को आपके पेट, जांघ या ऊपरी बांह की त्वचा के नीचे दिया जाता है। मोंजारो का इस्तेमाल हफ्ते में एक बार दिन में किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन अगर आप हफ्ते में इसे लेने के लिए एक तय समय रखेंगे तो यह खुराक को नियमित रूप से लेने में मदद करेगा लेकिन आप मोंजारो का इंजेक्शन लेने के दिन भी बदल सकते हैं हालांकि मोंजारो की दो खुराकों के बीच में कम से कम 3 दिन (72 घंटे) का अंतर होना चाहिए।
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मोंजारो (Mounjaro) दवा की कीमत
CDSCO से मंजूरी के बाद, भारत में इस दवा को आयात करना शुरू कर दिया था। जैसे कि हमने पहले जानकारी दी की एक महीने में 2.5 मिलीग्राम डोज के चार शॉट्स लेने होते हैं, जिनकी कीमत तकरीबन 14,000 रुपये होती है, मोंजारो के 5 MG vial की कीमत 4,375 रु. और 2.5 MG vial की कीमत 3,500 रु. होगी। भारत में यह खास कीमत इसलिए रखी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस आधुनिक इलाज तक पहुंच बना सकें। हालांकि ब्रिटेन में इसका खर्च भारतीय मुद्रा में 23,000 से 25,000 रु. के बीच है। अमेरिका में यह Zepbound के नाम से मोटापे के लिए मिलती है। इस दवा के बारे में विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस दवा का बाजार आने वाले सालों में बहुत बड़ा होने वाला है। साल 2030 तक इन दवाओं की बिक्री 150 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।
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भारत में कितने लोग मोटापे का शिकार
पिछले कुछ सालों से भारत में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1990 से 2023 के बीच भारत में मोटापे की दर में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। गांवों की बजाए शहरी बच्चे और युवा तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं जिसका मुख्य कारण अनहैल्दी खान-पान, फिटिकल एक्टिविटी की कमी, स्ट्रेस और डिजिटल युग का बढ़ता क्रेज है। द लैंसेट जर्नल में पब्लिश एक ग्लोबल एनालिसिस के अनुसार, भारतीय बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। जहां साल 2022 में 5 से 19 साल के लगभग 12.5 मिलियन बच्चे ज्यादा वजनी हैं जबकि साल 1990 में यह आंकड़ा सिर्फ 0.4 मिलियन था। दुनिया भर में मोटापे से ग्रस्त बच्चों, किशोरों और युवाओं की कुल संख्या 1 अरब से ज्यादा हो गई है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। मोटापा और डायबिटीज कंट्रोल करने की दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इस दवा की सत्यता की नारी पंजाब केसरी स्टीकता और जिम्मेदारी नहीं लेता।