चार महीने के बच्चे को मिली नई जिंदगी! बिना फेफड़े खोले सफल की सर्जरी
punjabkesari.in Monday, Mar 17, 2025 - 10:30 AM (IST)

नारी डेस्क: दिल्ली के एम्स अस्पताल में एक 4 महीने के बच्चे की सर्जरी की गई, जो फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सांस लेने में परेशानी का सामना कर रहा था। यह सर्जरी बेहद खास थी क्योंकि इसे फेफड़े को खोले बिना किया गया। यह देश में पहली बार हुआ है, जब इस तकनीक से इतने छोटे बच्चे की सर्जरी की गई है।
बच्चे को थी सांस लेने में समस्या
यह बच्चा जन्मजात लोबार ओवरइन्फ्लेशन (CLO) नामक बीमारी से पीड़ित था। इस बीमारी में बच्चे के फेफड़े का एक हिस्सा ज्यादा फूल जाता है, जिससे फेफड़े के स्वस्थ हिस्से पर दबाव पड़ता है और बच्चे को सांस लेने में कठिनाई होती है। पहले इस तरह की सर्जरी में फेफड़ों को खोलना पड़ता था, लेकिन एम्स के विशेषज्ञों ने एक नई तकनीक अपनाई, जिससे फेफड़े को खोले बिना सर्जरी की जा सकी।
सर्जरी का तरीका
एम्स के बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. विशेष जैन की अगुवाई में यह सर्जरी की गई। उन्होंने ओपन-चेस्ट सर्जरी की बजाय थोरैकोस्कोपिक दृष्टिकोण का चुनाव किया। इस तकनीक में केवल 3 से 5 मिलीमीटर के उपकरण और छोटे कैमरे का इस्तेमाल किया जाता है। यह तकनीक छोटे बच्चों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होती है, क्योंकि इसमें सटीकता की आवश्यकता होती है। पुरानी सर्जरी में एक बड़ा चीरा लगाना पड़ता था, जिससे दर्द और रिकवरी में लंबा समय लगता था।
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सर्जरी की प्रक्रिया
सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने बच्चे की छाती में छोटे उपकरण और कैमरे के जरिए फेफड़े के स्वस्थ हिस्से में ऑक्सीजन को पुनर्निर्देशित किया। फिर, समस्याग्रस्त फेफड़े के ऊतक को एक छोटे से 10 मिलीमीटर के चीरे से हटा दिया गया। सर्जरी के बाद बच्चे को जल्द ही आराम मिला और वह पहली बार आसानी से सांस ले सका।सर्जरी के दो दिन बाद ही बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसकी हालत में तेजी से सुधार हुआ और वह अब सामान्य तरीके से सांस ले पा रहा है।
यह सर्जरी भारत में अपनी तरह की पहली सर्जरी है, जो बच्चों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।