इस मां के दर से कोई नहीं जाता भूखा! कुपोषित बच्चों का पेट भर रही पैड वुमन मीना मेहता
punjabkesari.in Wednesday, Jan 06, 2021 - 01:30 PM (IST)
कौन कहता है कि समाज में आज अच्छे लोग नहीं हैं? कौन कहता है कि आज के समय में कोई दूसरों की मदद करने लिए आगे नही आता है? कौन कहता है कि जिस बच्चों की मां नहीं होती या फिर जिनका खुद का परिवार नहीं होता वह सारी जिंदगी इधर-उधर भटकते रहते हैं। हमेशा इस बात को याद रखिए कि अगर भगवान हमसे कुछ छीनता है तो हमें उसके बदले में कुछ न कुछ जरूर देता है। आज हम आपको जिस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं आपने उनके बारे में पहले भी सुना होगा। पैड वुमन के नाम से मशहूर सूरत की मीना मेहता जहां लड़कियों को पिछले 8 साल से पैड बांट रही हैं वहीं अब मीना मेहता ने एक और नेक काम कर दिखाया है।
कुपोषित बच्चों को खिला रहीं खाना
दरअसल आज हमारे आस-पास ऐसे कितने ही बच्चे और ऐसे बहुत से जरूरतमंद लोग हैं जिन्हें दिन में एक वक्त का खाना तक नसीब नहीं होता है। लेकिन ऐसे में मीना अपने पति के साथ मिलकर हर रोज करीब 200 कुपोषित बच्चों और जरूरतमंद बुजुर्गों को खाना खिला रही हैं।
इस एक किस्से के बाद आया मदद का ख्याल
दरअसल मीना को इस नेक काम को करने का एहसास तब हुआ जब वह पड़ोस में रहने वाले एक भिखारी से मिली। उस भिखारी ने मीना को बताया कि उसके पास अपनी बच्ची को खाने के लिए देने के लिए कुछ नहीं होता है ऐसे में वह उसे थोड़ा सा तंबाकू खिला देता है ताकि वह उनसे खाना न मांगे। इस बात को सुनकर मीना को एहसास हुआ कि क्यों न वह इसके लिए कुछ करें। इसके बाद उन्होंने इस मदद की शुरूआत की।
अकेले शुरू किया काम लेकिन धीरे-धीरे जुड़े लोग
मीना ने यह काम अकेले ही अपने पति के साथ शुरू किया। पहले तो उन्हें इसके लिए पूरा दिन लग जाता था लेकिन जब उनके आस-पड़ोस वालों को इसके बारे में पता चला तो वो भी धीरे-धीरे मदद के लिए आगे आए। कोई मीना को राशन दे जाता तो उनके साथ खाना बांटने का काम करवाता।
गुणवत्ता का रखती हैं पूरा ख्याल
मीना खाना बनाते वक्त गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखती हैं। ताकि बच्चों को अच्छा खाना मिल पाए और उन्हें उस भोजन से ताकत भी मिले और उनका वजन बढ़े। आपको बता दें कि मीना न सिर्फ भूखों का पेट भर रही हैं बल्कि वह पिछले 8 सालों से लड़कियों को हाइजीन किट और सैनिटरी नैपकिन बांट रही हैं। वह पैड वुमन के नाम से काफी फेमस हैं।
हम भी मीना के इस काम को सलाम करते हैं।