सिद्धियों की देवी मानी जाती है मां सिद्धिदात्री, देवताओं के तेज से प्रकट हुआ था देवी दुर्गा का नवम स्वरुप

punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 05:50 PM (IST)

नौ दिन चलने वाले नवरात्रि कल मां दुर्गा के आखिरी स्वरुपकी पूजा के साथ समाप्त हो जाएंगे। नवरात्रि के नौंवे यानी आखिरी दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री देवी दुर्गा के नौंवे रुप में जानी जाती है इसलिए इस दिन मां की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। नियमअनुसार मां की पूजा से धन,  बल और यश प्राप्त होता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिरी दिन में आप मां सिद्धिदात्री की पूजा कैसे कर सकते हैं...

ऐसा है मां का स्वरुप 

मां सिद्धिदात्री का रुप बहुत ही दिव्य माना जाता है। मां का वाहन शेर है और वह कमल पर विराजमान है। उनकी चार भुजाएं हैं। मां के दाहिने ओर के नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा और बाई ओर के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल के फूल हैं। मां को देवी सरस्वती का रुप माना जाता है। सिद्धिदात्री मां को बैंगनी बहुत ही पसंद है। मां की कृपा से शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था, इसलिए मां  को अर्द्धनारीश्वर कहा गया है। 

PunjabKesari

 कैसे करें मां की पूजा? 

सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद गंगाजल के साथ स्नान करवाएं। मां सिद्धिदात्री को सफेद रंग काफी प्रिय हैं। फिर उन्हें कुमकुम और रोली अर्पित करें। इसके बाद मां को मिठाई, पंचमेवा और फल अर्पित करें। मां की पूजा में नौ प्रकार के फूल और नौ तरह के फल अर्पित करें। इसके अलावा मां को चना, खीर, हलवा, चना और नारियल काफी पसंद है। इन चीजों का मां को भोग लगाएं इसके बाद मां सिद्धिदात्री की आरती करें और कन्या पूजन करें।

PunjabKesari

मां के स्वरुप की पौराणिक कथा 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या करके आठ सिद्धियों को प्राप्त किया था। मां सिद्धिदात्री की अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए थे। मां दुर्गा के नौ स्वरुपों में यह रुप अत्यंत ही शक्तिशाली है। मान्यताओं के अनुसार, यह स्वरुप देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। जब दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सब देवतागण भगवान विष्णु के पास पहुंचे तब वहां मौजूद सारे देवतागणों से एक तेज उत्पन्न हुआ था । उसी तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ था जिसे मां सिद्धिदात्री कहा जाता है। 

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

palak

Related News

Recommended News

static