सुनने की शक्ति खोई, एग्जाम में चढ़ा 103 बुखार, फिर भी जज्बा ऐसा कि बनी IAS टॉपर

punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 04:51 PM (IST)

कठिनाइयां और चुनौतियां तो हर किसी के जीवन में आती है लेकिन कोई उसके सामने घुटने टेक देता है तो कोई उन्हें पार कर मिसाल बन जाता है। आज हम आपको एक ऐसी ही IAS ऑफिसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ना सिर्फ अपनी मुश्किलों का सामना किया बल्कि हर किसी के लिए एक मिसाल भी बनीं। हम बात कर रहे हैं 2017 बैच की IAS सौम्या शर्मा की... जिन्होंने सुनने की शक्ति खो दे लेकिन हार नहीं मानी। आइए जानते हैं सौम्या शर्मा के बारे में जिन्होंने लॉ की पढ़ाई भी की है।

16 की उम्र में खोई सुनने की शक्ति

मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी। एक इंटरव्यू में सौम्या ने कहा था कि उन्होंने 16 साल की उम्र में सुनने की क्षमता खो दी थी। उन्हें अचानक सुनना बंद हो गया। जांच के बाद पता चला सौम्या 90-95% सुनने की क्षमता खो चुकी थीं। उसके बाद कई डॉक्टरों से मुलाकात हुई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सौम्या अब हियरिंग एड का इस्तेमाल करती हैं।

PunjabKesari

दिल्ली से की लॉ की पढ़ाई

ऐसे में सौम्या ने इस कठिन समय का मजबूती से सामना किया और अच्छे नंबरों से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से प्राप्त की और उसके बाद उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई की। कानून के अंतिम वर्ष में सौम्या ने यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया था। परीक्षा के दौरान सौम्या को 103 डिग्री तेज बुखार भी हो गया था लेकिन फिर भी वो एग्जाम देने के लिए पहुंची।

सौम्या शर्मा ने 2017 में यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया, लेकिन उनके पास यूपीएससी प्रीलिम्स की तैयारी के लिए केवल 4 महीने बचे थे। लेकिन सौम्या ने कड़ी मेहनत की और केवल चार महीने की तैयारी के साथ ही वह अपने पहले प्रयास में यूपीएससी को पास करने में सफल रही।

PunjabKesari

परीक्षा के समय हुआ 103 बुखार

सौम्या ने इंटरव्यू में बताया था कि परीक्षा के दौरान उन्हें 103 डिग्री तेज बुखार हो गया था। वह ना ही बिस्तर से उठ पा रही थी और ना ही जीएस का रिवीजन कर पा रही थी। फिर उन्हें आईवी ड्रिप दी गई, जिससे उन्हें यूपीएससी परीक्षा में बैठने में मदद मिली।

पहली बार में ही क्रैक की UPSC

23 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार में ही 9वें रैंक से यूपीएससी परीक्षा क्रैक की। 9वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास कर वह युवाओं के लिए मिसाल बनीं। ऐसा कर उन्होंने सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया। इसके साथ ही सौम्या ने साबित कर दिया कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने का इरादा हो तो मंजिल तक पहुंचने का रास्ता खुद ब खुद बन जाता है।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Related News

static