काशी से उज्जैन तक सुनाई दी बम-बम भोले की गूंज, सावन के पहले सोमवार भक्ति में लीन पूरा देश
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 12:44 PM (IST)

नारी डेस्क: सावन के पवित्र महीने के पहले सोमवार को पूरे भारत में भक्ति की लहर दौड़ गई। हज़ारों भक्तों ने प्रमुख शिव मंदिरों, उज्जैन के श्री महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना, जलाभिषेक और विशेष आरती में भाग लेने के लिए उमड़ पड़े। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में सदियों पुरानी परंपरा से जुड़ी विश्व प्रसिद्ध 'भस्म आरती' के लिए सुबह से ही भीड़ जुटने लगी।
मंदिर के कपाट सुबह 2.30 बजे खुल गए और पूरे दिन दर्शन जारी रहे। शाम 4 बजे भगवान महाकाल की भव्य नगर शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें तीर्थयात्री और पर्यटक समान रूप से शामिल होंगे। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश ने कहा- "सावन का पहला सोमवार विशेष महत्व रखता है, खासकर महाकालेश्वर मंदिर में, जो एक अद्वितीय ज्योतिर्लिंग है और दुनिया भर में प्रसिद्ध है। मंदिर की प्रसिद्ध भस्म आरती दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करती है।"
मध्य प्रदेश के एक अन्य पवित्र ज्योतिर्लिंग स्थल ओंकारेश्वर में, हजारों भक्तों ने सुबह-सुबह नर्मदा जल से जलाभिषेक किया और सावन की परंपरा को गहरी श्रद्धा के साथ जारी रखा। इस बीच, उत्तराखंड के हरिद्वार में, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भारी भीड़ ने धार्मिक उत्साह के साथ इस दिन को मनाया। पुलिस, पीएसी, आरएएफ, एसएसबी और एसडीआरएफ के जवानों ने डॉग स्क्वॉड और बम निरोधक इकाइयों के साथ प्रमुख शिव मंदिरों में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया और "बोल बम" के जयकारों के साथ अपनी कांवड़ यात्रा शुरू की। हरिद्वार के दक्षेश्वर या दक्ष महादेव मंदिर के एक श्रद्धालु ने बताया- "आज सावन का पहला सोमवार है, सबसे महत्वपूर्ण दिन। सबसे पहले कांवड़िये हमारे दक्ष मंदिर पहुंचते हैं, क्योंकि इसे सत्य का मंदिर माना जाता है। यहां कांवड़ यात्रा के लिए हर की पौड़ी जाने से पहले पहला अनुष्ठानिक स्नान किया जाता है।"
वहीं श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ की शोभायात्रा में शामिल मूर्ति को विशेष रूप में सजाया जाएगा। पूरे श्रावण माह में हर सोमवार को मूर्ति को अलग-अलग रूपों में सुसज्जित किया जाएगा और सभी चार सोमवारों और पूर्णिमा के दिन विशेष श्रृंगार की योजना बनाई गई है।हर सोमवार को भक्तों को बाबा विश्वनाथ के विविध दिव्य रूपों के दर्शन का अनूठा अनुभव होगा। तीर्थयात्री जलाभिषेक के लिए मंदिर तक आसानी से पहुंच सकें, इसके लिये उचित व्यवस्थाएं की गई हैं और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया गया है।