देश में बढ़े HMPV के मामले, महाराष्ट्र में 30 फीसदी संक्रमण, जानिए कहां-कहां फैला है यह वायरस

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2025 - 12:47 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत में HMPV (ह्यूमन मेटापेन्यूमोवायरस) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। हाल ही में इस वायरस के मामले मुंबई, बेंगलुरु, नागपुर, तमिलनाडु और अहमदाबाद में भी सामने आए हैं। महाराष्ट्र में HMPV के 30 फीसदी मामले सामने आए हैं। इस वायरस का मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर असर देखा जाता है, लेकिन यह कोविड-19 जैसा खतरनाक नहीं है।

क्या है HMPV वायरस?

HMPV एक ऐसा वायरस है जो मानव के फेफड़ों और श्वसन नलिका में इंफेक्शन पैदा करता है। इसके लक्षण आमतौर पर सामान्य सर्दी, खांसी या फ्लू जैसे होते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति पहले से बीमार है, तो उसे इस संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है।

महाराष्ट्र में HMPV के मामले

मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में हाल ही में 6 महीने की बच्ची में HMPV का मामला सामने आया। बच्ची को 1 जनवरी को गंभीर खांसी और सीने में जकड़न के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसके बाद, डॉक्टर्स ने पुष्टि की कि बच्ची HMPV से संक्रमित थी। उसे ICU में इलाज दिया गया और पांच दिनों बाद बच्ची को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

इसके अलावा, बेंगलुरु, नागपुर, तमिलनाडु और अहमदाबाद में भी HMPV संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं।

क्या यह वायरस कोविड-19 जैसा है?

हालांकि HMPV वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने साफ किया कि यह वायरस कोविड-19 जैसा खतरनाक नहीं है। उन्होंने बताया कि HMPV की पहचान पहली बार 2001 में हुई थी और यह सालों से दुनिया भर में फैल रहा है।

HMPV के लक्षण

HMPV के संक्रमण के लक्षणों में खांसी, बुखार, गला खराब होना, सांस में तकलीफ और सीने में जकड़न जैसे आम लक्षण होते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है, लेकिन यह कोविड-19 जैसी महामारी का कारण नहीं बन सकता।

महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि HMPV के मामलों के बढ़ने से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही इस पर एक विस्तृत परामर्श जारी किया जाएगा।

क्या करें?

हमें इस वायरस से बचाव के लिए एतिहात बरतने की जरूरत है। जो लोग पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि यह वायरस उन्हें ज्यादा प्रभावित न करे।
 
  


 


 


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Content Editor

Priya Yadav

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