वैज्ञानिकों ने पहली बार लैब में उगाए इंसानी दांत, अब Tooth से जुड़ी सारी परेशानियां खत्म!

punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 03:30 PM (IST)

नारी डेस्क: बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों ने पहली बार प्रयोगशाला में मानव दांत उगाने में सफलता प्राप्त की है। इस सफलता को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है क्योंकि यह दांत खो चुके रोगियों के लिए एक नया विकल्प हो सकता है। फिलिंग या दंत इम्प्लांट की जगह अब मरीजों को एक नई संभावना मिल सकती है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक दांत की तरह होगा।

विकसित किया गया नया पदार्थ

किंग्स कॉलेज के शोधकर्ताओं ने इंपीरियल कॉलेज लंदन के साथ मिलकर एक विशेष पदार्थ विकसित किया है जो दांतों के विकास के लिए जरूरी वातावरण की नकल करता है। प्रयोगशाला में, एक कोशिका दूसरे को दांत की कोशिका में बदलने के लिए प्रभावी रूप से प्रेरित कर सकती है। यह प्रक्रिया दांतों के विकास को पुनः सक्रिय करने का नया तरीका हो सकती है।

मनुष्यों में दांतों का विकास

कई प्रजातियां अपने दांतों को पुनर्जीवित कर सकती हैं, लेकिन मनुष्यों को केवल एक बार ही ऐसा मौका मिलता है। इस समस्या का समाधान वर्तमान में मौजूद दंत चिकित्सा विकल्पों से नहीं हो पा रहा है। जैसे कि दांतों के प्रतिस्थापन के लिए हटाने योग्य और स्थिर डेन्चर और दंत प्रत्यारोपण होते हैं, लेकिन ये प्राकृतिक दांतों के आकार और कार्य को पूरी तरह से नहीं बहाल कर पाते हैं।

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शोधकर्ताओं ने एक नया तरीका खोजने की कोशिश की है, जिससे नेचुरल दांतों की संरचना और कार्य को बहाल किया जा सके। यह तरीका कोशिकाओं, जैवपदार्थों और वृद्धि कारकों का उपयोग करता है। इससे दांत की संरचना तैयार की जाती है, जो प्राकृतिक दांतों के जैसे ही होते हैं। इस शोध का उद्देश्य पूरे दांत को जैव-इंजीनियरिंग से विकसित करना है, जिसमें दंत उपकला और मेसेनकाइम के बीच की अंतःक्रियाओं की नकल की जाती है।

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स्वास्थ्य पर दांतों के गिरने का प्रभाव

दांतों का गिरना एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह केवल चबाने और बोलने की क्षमता को प्रभावित नहीं करता, बल्कि सौंदर्य और मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी उत्पन्न करता है। जब लोग अपने दांत खो देते हैं, तो यह उनकी आत्मविश्वास को भी प्रभावित करता है।

जैविक तरीके से दांतों का पुनः उगाना

अध्ययन से जुड़ी डॉ. एना एंजेलोवा-वोलपोनी ने कहा, "दांत को जैविक तरीके से पुनः उगाने का विचार मुझे लंदन और किंग्स की ओर आकर्षित करता है। एक डिश में दांत उगाने से हम वास्तव में ज्ञान के अंतराल को भर रहे हैं।" इस शोध से उम्मीद जताई जा रही है कि दांतों के प्राकृतिक तरीके से पुनः उगने से भविष्य में इलाज के नए विकल्प मिल सकते हैं।

दांतों के उगने के नए तरीके

अध्ययन में यह भी बताया गया है कि प्रयोगशाला में उगाए गए दांत स्वाभाविक रूप से पुनर्जीवित होंगे और जबड़े में एकीकृत होंगे। नए दांत अधिक मजबूत, लंबे समय तक चलने वाले और अस्वीकृति के जोखिम से मुक्त होंगे। यह भराई या प्रत्यारोपण की तुलना में एक अधिक टिकाऊ और जैविक रूप से संगत समाधान प्रदान करेगा।

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अगली चुनौती मुंह में दांतों को कैसे लगाएं?

हालांकि, वैज्ञानिकों ने दांतों को उगाने के लिए जरूरी वातावरण तैयार कर लिया है, लेकिन अब अगली चुनौती यह है कि इन दांतों को प्रयोगशाला से मरीज के मुंह में कैसे स्थानांतरित किया जाए। इस पर वैज्ञानिकों को अभी और शोध करने की आवश्यकता है।

ज़ुचेन झांग का विचार, दंत चिकित्सा, मौखिक और कपालीय विज्ञान संकाय में अंतिम वर्ष के पीएचडी छात्र ज़ुचेन झांग ने कहा, "हमारे पास दांतों को मुंह के अंदर रखने के लिए अलग-अलग विचार हैं। हम खोए हुए दांत के स्थान पर युवा दांत की कोशिकाओं को प्रत्यारोपित कर सकते हैं और उन्हें मुंह के अंदर बढ़ने दे सकते हैं।" इस प्रक्रिया के बारे में अभी भी कई प्रयोग चल रहे हैं, और यह भविष्य में एक प्रभावी इलाज बन सकता है।

दांतों को उगाने की यह नई तकनीक दंत चिकित्सा में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है। हालांकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से विकसित होने में अभी कुछ साल लग सकते हैं, फिर भी यह आशा का एक नया किरण है, जो दांत खो चुके लाखों लोगों की जिंदगी को बदल सकती है।


 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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