बगलामुखी जयंती 2025: इस दिन करें ये विशेष उपाय, बनेंगे बिगड़े काम, दूर होंगी परेशानियां
punjabkesari.in Monday, May 05, 2025 - 04:21 PM (IST)

नारी डेस्क: हिंदू धर्म में देवी बगलामुखी की जयंती का बहुत खास महत्व माना गया है। मां बगलामुखी को दस महाविद्याओं में आठवीं शक्ति के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि यह देवी 'स्तंभन शक्ति' की अधिष्ठात्री हैं, जो शत्रु पर विजय दिलाती हैं, कर्ज से मुक्ति दिलाती हैं और रोगों से राहत देती हैं। हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां बगलामुखी की जयंती मनाई जाती है। इस दिन की गई साधना और पूजा विशेष फल देने वाली होती है। आइए विस्तार से जानते हैं मां बगलामुखी जयंती का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
बगलामुखी जयंती 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष 2025 में बगलामुखी जयंती का पर्व 5 मई, सोमवार को मनाया जा रहा है।
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 4 मई को सुबह 7 बजकर 18 मिनट
अष्टमी तिथि समाप्त: 5 मई को सुबह 7 बजकर 35 मिनट
उदया तिथि (सूर्योदय के समय की तिथि) को ही जयंती का पर्व मनाया जाता है, इसलिए 5 मई को मां बगलामुखी की पूजा का शुभ दिन माना गया है।
मां बगलामुखी कौन हैं?
मां बगलामुखी को तंत्र साधना और शक्ति की देवी माना जाता है। इन्हें 'स्तंभन शक्ति' का स्वरूप कहा गया है, यानी ये देवी शत्रुओं की वाणी, बुद्धि और क्रियाशक्ति को रोक सकती हैं। जो लोग जीवन में कर्ज, शत्रु बाधा, कोर्ट-कचहरी के मामलों में फंसे हैं, उनके लिए मां बगलामुखी की पूजा बहुत प्रभावी मानी जाती है।
बगलामुखी जयंती पर पूजा विधि
इस दिन मां बगलामुखी की पूजा करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल या शुद्ध जल से पवित्र करें। मां बगलामुखी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मां को हल्दी, चने, पीले फूल और पीली मिठाई अर्पित करें। मां के मंत्र का 108 बार जप करें। घी का दीपक और धूप जलाकर आरती करें। मां से अपने रोग, शत्रु, कर्ज या किसी भी समस्या से मुक्ति की प्रार्थना करें।
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बगलामुखी मंत्र
मुख्य मंत्र: ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा
गायत्री मंत्र: ॐ वगलामुख्यै विद्महे, स्तम्भिन्यै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्।
बगलामुखी जयंती पर करें ये खास उपाय
हल्दी से बना श्री यंत्र घर में स्थापित करें इससे आर्थिक तंगी दूर होती है। मां को पीले वस्त्र अर्पित करें और पीले वस्त्र में मूंग बांधकर दान करें इससे रोगों से मुक्ति मिलती है। जो लोग न्यायिक मामलों या कोर्ट केस में फंसे हैं, उन्हें मां बगलामुखी की विशेष साधना करनी चाहिए। बगलामुखी यंत्र की स्थापना और उसकी पूजा करने से शत्रु कमजोर पड़ते हैं और कामों में सफलता मिलती है।
इस दिन का महत्व क्यों है खास?
बगलामुखी जयंती पर की गई पूजा और साधना से अटके हुए काम बनने लगते हैं। कर्ज से छुटकारा मिलता है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। रोग, भय और मानसिक तनाव से शांति और राहत मिलती है। मां की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुरक्षा का कवच बनता है।
बगलामुखी जयंती सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मबल और विजय का प्रतीक है। यदि आप जीवन में किसी कठिनाई से जूझ रहे हैं, तो इस दिन की गई मां बगलामुखी की पूजा आपको आश्चर्यजनक फल दे सकती है। बस श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करना जरूरी है।