जानें कब है हनुमान जन्मोत्सव और  बजरंगबली जी का आशीर्वाद पाने के लिए  यहां पढें पूजा विधि

punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 11:33 AM (IST)

नारी डेस्क: हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि हनुमान जी की नियमित उपासना से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बड़ी परेशानियों का निवारण होता है। हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नौ निधि का वरदान प्राप्त है, जिससे वह अपने भक्तों की सभी समस्याओं को समाप्त कर जीवन में सुख और समृद्धि लाते हैं।

शास्त्रों में हनुमान जी को ऊर्जा, शक्ति, भक्ति और बल का प्रतीक माना गया है। वह भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त थे और उनकी उपासना से श्रीराम का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। हनुमान जयंती, जिसे हनुमान जन्मोत्सव भी कहा जाता है, विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा का दिन होता है।

हनुमान जन्मोत्सव 2025 की तिथि

इस साल, हनुमान जन्मोत्सव 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। यह चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को पड़ता है, जो 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 20 मिनट से शुरू होगी और 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 52 मिनट तक रहेगी।

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हनुमान जन्मोत्सव के शुभ मुहूर्त

हनुमान जन्मोत्सव के दिन पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं

पहला मुहूर्त 12 अप्रैल को सुबह 7:35 बजे से 9:11 बजे तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त शाम को 6:45 बजे से लेकर रात 8:08 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, हनुमान जन्मोत्सव पर हस्त नक्षत्र का योग भी बन रहा है, जो शाम 6:07 बजे तक रहेगा। साथ ही, व्याघात योग भी रात 8:39 बजे तक रहेगा।

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हनुमान जन्मोत्सव पूजा विधि

हनुमान जन्मोत्सव पर पूजा शुरू करने से पहले सुबह स्नान और ध्यान करें। पूजा स्थान पर एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग का साफ वस्त्र बिछाएं। चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। फिर हनुमान जी को सिंदूर, फूल, माला, फल और अक्षत अर्पित करें।शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें। हनुमान जी को बूंदी या बेसन के लड्डू का भोग अर्पित करें।अब हनुमान चालीसा का पाठ करें।अंत में आरती करें और पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें। हनुमान जी की आरती का पाठ करके आप उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह आरती भगवान हनुमान के बल और सामर्थ्य को प्रदर्शित करती है।

हनुमान जी के मंत्र

हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध मंत्रों का जाप भी हनुमान जन्मोत्सव पर किया जाता है:

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट

ॐ नमो भगवते हनुमते नमः

ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते...

ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय...

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हनुमान जी की आरती 

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुधि लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

पैठी पाताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे।
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संत जन तारे।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

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हनुमान जन्मोत्सव का महत्व

हनुमान जयंती का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें ऊर्जा, शक्ति, भक्ति और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा और मंत्रों का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और संकटों से मुक्ति मिलती है।
 
 


 


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Content Editor

Priya Yadav

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