वैशाख पूर्णिमा 2025: पूर्णिमा पर विशेष रवि योग, जानें कौन से 5 कार्य करेंगे लक्ष्मी जी को प्रसन्न
punjabkesari.in Monday, May 12, 2025 - 01:09 PM (IST)

नारी डेस्क: वैशाख पूर्णिमा हिंदू धर्म में बेहद महत्व रखती है। इस साल यह पर्व 12 मई 2025 को मनाया जाएगा। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं, जो विशेष रूप से बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाई जाती है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और यही वह दिन था जब उन्होंने ज्ञान प्राप्त किया और निर्वाण को प्राप्त किया। वैशाख पूर्णिमा का दिन समृद्धि और पुण्य के लिए भी जाना जाता है।
वैशाख पूर्णिमा पर विशेष योग और स्नान का महत्व
इस दिन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस साल इसे सोमवार और रवि योग का संगम भी मिलेगा। रवि योग सुबह 5:32 से लेकर 6:17 तक रहेगा। इस दौरान किए गए सभी शुभ कार्यों का फल अधिक मिलता है। इस दिन लोग विशेष रूप से पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, और दान-पुण्य करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन का स्नान और दान पूरे साल के पुण्य को प्राप्त करने के समान होता है।
भगवान बुद्ध और उनका योगदान
वैशाख पूर्णिमा पर बौद्ध धर्म के अनुयायी विशेष रूप से बुद्ध की पूजा करते हैं। इस दिन गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में हुआ था और उन्होंने वहीं 35 वर्ष की आयु में निर्वाण प्राप्त किया। यह दिन बौद्धों के लिए अत्यधिक महत्व का होता है।
विशेष पूजा विधि और चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा
वैशाख पूर्णिमा पर लोग घरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं और रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं। चंद्रमा को अर्घ्य देने से घर में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति मिलती है। यह परंपरा वर्षभर के सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण उपाय मानी जाती है।
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इस दिन क्या करें?
वैशाख पूर्णिमा के दिन खासतौर पर गंगा नदी में स्नान करने का महत्व है। अगर कोई गंगा नदी तक नहीं पहुंच सकता, तो वह घर पर गंगाजल का उपयोग करके स्नान कर सकता है। इसके बाद भगवान सत्यनारायण व्रत करें और उनकी पूजा करें। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा का पालन करें। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
महत्वपूर्ण मुहूर्त और पूजा समय
इस बार बुद्ध पूर्णिमा का मुहूर्त 11 मई की शाम 8:02 बजे से शुरू होगा, जो 12 मई रात 11:26 बजे तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार यह समय बेहद शुभ है और इस दौरान किए गए सभी कामों का फल दोगुना होता है।
वैशाख पूर्णिमा पर विशेष ध्यान देने योग्य बातें
वैशाख पूर्णिमा पर विशेष रूप से गंगा नदी में स्नान और दान का महत्व है।
इस दिन भगवान विष्णु और बुद्ध के अवतारों की पूजा की जाती है।
चंद्रमा को अर्घ्य देने से घर में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल बहुत अधिक होता है और इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वैशाख पूर्णिमा एक पवित्र और महत्वपूर्ण दिन है, जो न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी बेहद लाभकारी है। इस दिन की पूजा विधियों को सही तरीके से पालन करने से जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है।