नाग पंचमी 2025: जानिए कब है यह पर्व, क्या है शुभ मुहूर्त और कैसे करें नाग देवता की पूजा

punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 11:37 AM (IST)

नारी डेस्क- हिंदू धर्म में श्रद्धा और आस्था से जुड़ा एक महत्वपूर्ण त्योहार नाग पंचमी इस साल भी विशेष योगों के साथ मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं, और राहु-केतु जैसे ग्रह दोष भी शांत हो जाते हैं। आइए जानते हैं नाग पंचमी 2025 की तिथि, मुहूर्त, बन रहे शुभ योग और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।

कब है नाग पंचमी 2025?

इस वर्ष नाग पंचमी दो अलग-अलग पंचमी तिथियों के अनुसार मनाई जाएगी। 15 जुलाई 2025 (मंगलवार) – देश के कुछ हिस्सों जैसे बिहार, बंगाल, उड़ीसा और राजस्थान में इस दिन नाग पंचमी मनाई जाएगी।

शुक्ल पक्ष की पंचमी

29 जुलाई 2025 (मंगलवार) – उत्तर भारत के कई राज्यों में नाग पंचमी इस दिन मनाई जाएगी।

तिथि शुरू: 28 जुलाई, रात 11:25 बजे

तिथि समाप्त: 29 जुलाई, रात 12:47 बजे

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बन रहे हैं शुभ योग

इस वर्ष नाग पंचमी पर दो खास शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस पर्व का महत्व और बढ़ गया है।

15 जुलाई को बन रहा है सौभाग्य योग, जो पूजा के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। 29 जुलाई को बन रहा है शिव योग, जो शिव कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम अवसर प्रदान करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन योगों में नाग देवता की पूजा करने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं और कुंडली के दोषों से राहत मिलती है।

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 नाग पंचमी की पूजा विधि

नाग पंचमी के दिन पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है-

सवेरा जल्दी उठें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पास के शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करें। घर के मुख्य द्वार पर खड़िया से पुताई कर और कोयले से नाग का चित्र बनाएं। नाग देवता को दूध, जल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। पास के खेत या किसी सुरक्षित स्थान पर दूध का कटोरा रखें, जहाँ साँप आ सकते हैं। सेवई और चावल का भोग लगाएं और आरती के बाद नाग पंचमी की कथा पढ़ें।

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 क्या है नाग पंचमी का धार्मिक महत्व?

शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, और घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। नाग देवता को पंचमी तिथि का स्वामी माना गया है, इसलिए इस दिन भूमि की खुदाई करना निषेध है।

नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से राहु-केतु के दोष और कालसर्प योग जैसे ग्रह दोषों से मुक्ति के लिए पूजा की जाती है। साथ ही यह पर्व प्रकृति और जीव-जंतुओं के संरक्षण का भी संदेश देता है।

नाग पंचमी 2025 इस बार शुभ योगों के साथ मनाई जाएगी। यह पर्व श्रद्धा, परंपरा और प्रकृति के सम्मान का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी यह दिन अत्यंत फलदायी है। यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
   
 


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Content Editor

Priya Yadav

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