भारत की पहली महिला IAS थीं ऐना राजम मल्होत्रा
punjabkesari.in Friday, Sep 21, 2018 - 04:10 PM (IST)

देश में आईएएस का पद सर्वोच्च पदों में से एक है। हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई-लिखाई करके यह नौकरी करे लेकिन आज हम किसी नौकरी की नहीं बल्कि देश की पहली महिला आईएएस के बारे में बात कर रहे हैं। इस महिला आईएएस ऑफिसर का नाम है ऐना राजम मल्होत्रा।
राजम मल्होत्रा 1951 बैच की आईएएस ऑफिसर थीं। उनका 17 सितंबर 2018 को देहांत हो गया। देश की आजादी के बाद साल 1950 में जब यूपीएससी का गठन हुआ तो पहली महिला आईएएस ऑफिसर ऐना राजम मल्होत्रा थीं। उस समय साक्षात्कार दल का कहना था कि महिलाओं के लिए यह सेवा उपयुक्त नहीं है। उनके अनुसार कोई महिला आईएएस ऑफिसर के पद को संभालने का माद्दा नहीं रखती थी।
ऐना ने लिखित परीक्षा पास कर चुकी थी और उन्होंने आईएएस ऑफिसर बनना ही उचित समझा। अपनी बात को रखते हुए उन्होने मद्रास केडर को चुना। इसके बाद उनके अपॉइन्टमेंट लैटर पर लिखा गया कि अगर वे शादी करती हैं तो अपॉइन्टमेंट रद कर दिया जाएगा। बाद में इस नियम में बदलाव कर दिए गए थे।
कम नहीं हुई परेशानियां
जब ऐना नौकरी के लिए मद्रास पहुंची तब उन्हें आईएएस की जगह सेक्रेटेरिएट की नौकरी करने की सलाह दी गई। उस समय मद्रास के मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी थे। वह यह विचार रखते थे कि महिला आईएएस अधिकारी का पद नहीं संभाल सकती पाएगी लेकिन इसके लिए ऐना को अपनी काबलियत साबित करनी पड़ी और फिर उन्हें होसर जिले का सबकलेक्टर नियुक्त किया गया। सबकलेक्टर का पद संभालने वाली वे पहली भरतीय महिला बनीं।
काम की हुई सराहना
ऐना के काम को देखते हुए उन्हें बहुत सराहा गया। उनका काम उन लोगों के लिए उदाहरण है जो ये समझते हैं कि महिलाएं उच्च पद की जिम्मेदारी संभाल नहीं सकती। ऐना को भारत का पहला कम्प्यूटराइज़ड कंटेनर पोर्ट नवा शेवा बनाने की ज़िम्मेदारी दी गई। इस काम की जिम्मेदारी को उन्होंने बहुत अच्छे तरीके से पूरा किया। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर काम भी किया है।
पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित
उन्हें 1990 में पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा गया। 91 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया लेकिन उनका काम महिलाओं के लिए प्रेरणा बना।