देशभक्ति की मिसाल: ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित होकर 17 नवजात बच्चियों का नाम रखा गया ‘सिंदूर’
punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 10:34 AM (IST)

नारी डेस्क: भारतीय सेना के साहसिक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में देशभक्ति की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है। यहां 7 से 9 मई के बीच मेडिकल कॉलेज में जन्मी 17 नवजात बच्चियों का नाम उनके माता-पिता ने 'सिंदूर' रखा है। यह नाम अब केवल एक पारंपरिक प्रतीक नहीं, बल्कि भारतीय जनता के जज्बे और देशप्रेम का नया प्रतीक बन गया है।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत की थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने एक संयुक्त कार्रवाई शुरू की, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इस ऑपरेशन ने न सिर्फ दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि देशवासियों के दिलों में एक नई उम्मीद और गर्व भर दिया।
बेटियों का नाम सिंदूर रखने के पीछे भावनात्मक जुड़ाव
ऑपरेशन सिंदूर की प्रेरणा से प्रभावित होकर कुशीनगर के माता-पिता ने अपने नवजात बच्चियों का नाम ‘सिंदूर’ रखने का फैसला किया। मेडिकल कॉलेज के अनुसार, सात मई के बाद दो दिनों में 17 बेटियों का जन्म हुआ, और सभी के माता-पिता ने एकमत होकर उन्हें यह नाम दिया।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.के. शाही ने बताया,
“देश के वीर सैनिकों की बहादुरी और मिशन सिंदूर की सफलता से प्रभावित होकर माता-पिता ने अपनी बेटियों को 'सिंदूर' नाम दिया है। यह एक भावनात्मक और गर्व का क्षण है।”
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क्या बोले अभिभावक?
नेहा, निवासी खनवार बकलोलही (सदर तहसील), जिन्होंने 9 मई को बेटी को जन्म दिया, कहती हैं, "हमारी सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, इसलिए हमने बेटी का नाम सिंदूर रखा।" काजल, एक अन्य मां ने कहा- "हमारे देश की कई बहनों का सिंदूर आतंकी हमले में मिट गया। इसलिए हम अपनी बेटी को वह नाम देना चाहते हैं जो अब एक भावना बन चुका है।"
अर्चना, निवासी भेड़िहारी, कहती हैं- "यह हमारे लिए गर्व का विषय है। हम भले सीमा पर न हों, लेकिन अपनी बेटियों को यह नाम देकर देश के साथ खड़े हैं।"
इस तरह की बातें व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समूह की सोच और देश के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं।
नाम में छिपा है संदेश
‘सिंदूर’ अब केवल सुहाग का प्रतीक नहीं रहा, यह बलिदान, साहस, श्रद्धांजलि और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक बन गया है। कुशीनगर की माताओं ने यह दिखा दिया कि देशप्रेम सिर्फ भाषणों या नारों में नहीं होता, वह हर एक छोटे से फैसले में भी झलकता है।
जब देश की सेना सीमा पर दुश्मनों से लड़ रही थी, तब कुशीनगर की महिलाएं अपने तरीके से देशप्रेम का परिचय दे रही थीं। बेटियों को 'सिंदूर' नाम देना एक साधारण कार्य नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति एक गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। यह घटना दिखाती है कि देशभक्ति केवल हथियारों से नहीं, बल्कि भावनाओं और संस्कारों से भी दिखाई जाती है।