#SaalBhar60: पर्यावरण को बचाने के लिए 12 साल की रिद्धिमा की पहल
punjabkesari.in Monday, Sep 07, 2020 - 12:31 PM (IST)
प्रदूषण और पर्यावरण संरक्षण आज हर देश के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। क्लाइमेट चेंज (Climate Change) के कारण ना सिर्फ पर्यावरण पर असर पड़ रहा है बल्कि यह सेहत पर भी असर डाल रहा है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों की। अगर समय रहते इसे रोका नहीं गया तो आने वाले समय में लोगों बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि सरकार द्वारा पर्यावरण को स्वच्छता के लिए कई कदम उठाए गए है लेकिन किसी से कोई फर्क नहीं देखने को मिलता इसलिए अब एक 12 साल की बच्ची ने पर्यावरण सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है। हरिद्वार, उत्तराखंड की रहने वाली रिद्धिमा पांडे 9वीं कक्षा की पर्यावरण एक्टिविस्ट की बेटी हैं। उनका कहना हैं कि मैं एक बेहतर भविष्य चाहती हूं। मैं अपना और आने वाली पीढ़ियों के सभी बच्चों का भविष्य को बचाना चाहती हूं।
My name is Ridhima Pandey. I am a 12-year old student living in Haridwar, Uttarakhand. On International Day for Clean Air and Blue Skies, I have written to our Prime Minister demanding clean Air for all. pic.twitter.com/j0SsHj6v6R
— Ridhima pandey (@ridhimapandey7) September 7, 2020
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को भी एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने लिखा प्रदूषण सिर्फ पर्यावरण ही नहीं बल्कि सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि जब में दिल्ली गई तो वहां मुझे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही था। वो बच्चे मुझसे भी छोटे हैं उन्हें इस प्रॉब्लम का सामना रोज करना पड़ता है। लॉकडाउन से पहले हमें ऐसा लगता था कि प्रदूषण को खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि यह दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है लेकिन लॉकडाउन ने सब गलत साबित कर दिया। अगर प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार की तरफ से सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में ऑक्सीजन सैलेंडर भी जरूरी चीजें में से एक होंगे।
पर्यावरण को बचाने के लिए शुरु की मुहिम
यही नहीं, रिद्धिमा ने हाल ही में #saalbhar60 की मुहिम भी शुरु की है। उनका कहना है कि इसमें आप सरकार से अपने शहर की आबो हवा को शुद्ध करने के लिए मदद मांगे। इसके लिए आप अपने शहर का नाम और सोशल साइट्स पर अपलोड करें। उनका मानना है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में सरकार का भी हाथ है। इसके लिए सख्त कानून बनाए जाने चाहिए। जब तक हवा में CO2 की मात्रा कम नहीं होगी तब तक पर्यावरण स्वच्छ नहीं होगा।
Least that we can ask for us & our #future is #CleanAir;
— Fridays For Future India (@fridays_india) May 29, 2020
Will the end of pandemic mean toxic air again for all of us? #SaalBhar60@GretaThunberg pic.twitter.com/XI2viwkcWF
सरकार के खिलाफ दर्ज करवा चुकी हैं पीटीशन
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब रिद्धिमा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए आवाज उठाई हो। उन्होंने 2017 सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र (UN) में शिकायत दर्ज करवाई है, जिसकी पीटीशन में लिखा था कि वो पर्यावरण को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे। बता दें कि 16 बच्चों द्वारा दर्ज करवाई गई इस शिकायत में 16 बच्चे शामिल थे, जिसमें रिद्धिमा के साथ क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेथा थनबर्ग भी शामिल थी।
बाढ़ से फैली तबाही के बाद शुरु किया यह काम
रिद्धिमा ने 2013 में पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाया शुरु की, जब उन्होंने उत्तराखंड में बाढ़ के कारण हुई भयानक तबाही को देखा। इसके अलावा वह दिन ब दिन बढ़ रही ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी समस्याओं को लेकर भी जागरूकता फैलाती रहती हैं।
गंगा में रोजाना फेंका जाता है कचरा
उनका कहना है कि हरिद्वार से गुजर रही गंगा मां भी प्रदूषण की मार झेल रही है। हम गंगा को अपनी मां कहते हैं लेकिन रोजाना इसमें मूर्तियां, कपड़े, प्लास्टिक की थैलियां फैंकी जाती है। ना ही तो सरकार और ना ही लोग इसका स्वच्छता की ओर ध्यान दे रहे हैं।
प्लास्टिक है सबसे बड़ी वजह
प्रदूषण का एक सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक का इस्तेमाल भी है। अगर लोग ही अपनी डेली रूटीन में कुछ बदलाव कर लें तो पर्यावरण को काफी हद तक बचाया जा सकता है। उनका कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करें। अगर हम ही इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे तो कंपनी ऐसी चीजें बनाएगी ही नहीं।
अगर आप भी पर्यावरण को बचाने में मदद करना चाहते हैं तो प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करें। धुएं वाले वाहनों की बजाए साइकिल यूज करें।