एक नजर 2020 की ओर: दुनियाभर के लिए मिसाल बनीं ये 8 महिलाएं
punjabkesari.in Thursday, Dec 31, 2020 - 06:06 PM (IST)
साल 2020 खत्म होने में कुछ समय ही रह गया है। इस साल हर किसी ने कुछ न कुछ जरूर सीखाया। किसी ने दूसरों से सीख ली तो वहीं कुछ खुद ही मिसाल बनकर उभरे। बात अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर की करें तो इस बार भी महिलाएं पीछे नहीं रहीं और उन्होंने अपने काम और अपनी मेहनत से बड़े बड़ों को मात दे दी। आज साल के आखिरी दिन हम आपको 2020 की कुछ ऐसी महिलाएं बताते हैं जिन्होंने न सिर्फ देश में बल्कि दुनियाभर में अपनी मेहनत से मुक्काम हासिल किया।
1. कमला हैरिस
साल 2020 में अमेरिकी चुनाव काफी दिलचस्प रहे। इसका कारण यह भी रहा कि इस साल एक महिला ने वो मुक्काम पाया जिसकी तारीफ दुनिया भर में हुई। पहली बार अमेरिका को एक महिला उपराष्ट्रपति मिली जो हैं कमला हैरिस। हैरिस ने जीवनकाल में कई मिसालें कायम की। वह सेन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतीय मूल और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं। वहीं ओबामा कार्यकाल में वह ‘फीमेल ओबामा’ के नाम से मशहूर थीं। कमला हैरिस, भारतीय मां और जमैकाई पिता की बेटी हैं और वह अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाली भारतीय मूल की पहली अमेरिकी हैं।
2. अनमोल नारंग
भारतीय मूल की अनमोल नारंग अमेरिकी सैन्य अकादमी से ग्रेजुएट होने वाली पहली सिख लेफ्टिनेंट बनी हैं। 23 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी सिख महिला अनमोल ने पुरानी जंजीरों को तोड़ नया इतिहास रचा है, जो भारत के लिए गर्व की बात है। अनमोल का जन्म अमेरिका और परवरिश जॉर्जिया के रोजवेल में हुई। उन्होंने जॉर्जिया प्रौद्योगिकी संस्थान से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की, जिसके बाद वह वेस्ट प्वाइंट गईं। वहीं उन्होंने परमाणु इंजीनियरिंग में शनिवार को ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। वह शुरूआत से ही वायु रक्षा प्रणाली में करियर बनाना चाहती हैं, जिसमें उनके परिवार ने उन्हें पूरा सपोर्ट दिया। अनमोल को सेना में जाने की इच्छा अपने दादा जी को देखकर हुई दरअसल अनमोल के दादाजी भारतीय सेना में जवान थे।
3. सना मरीन
तीसरी महिला हैं सना मरीन, वो युवा महिला प्रधानमंत्री, जिसका बचपन अनाथालय में गुजरा। सना मरीन दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री है। सना मरीन ने हमेशा ही एक आम लड़की की तरह जिंदगी जी है। वह फिनलैंड के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक छोटे से शहर पिरकाला में पली-बढ़ी हैं। दरअसल सना के पिता शराबी थे इसलिए मां उनसे अलग हो गईं थी। वह अपनी परिवार को रेनबो फैमिली कहती हैं लेकिन उनके घर में आर्थिक स्थितियां अच्छी नहीं रहीं। परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक करने के लिए वह नौकरी करने लगीं इसके बाद 20 साल की उम्र में सना की राजनीति रुचि पैदा हुई। मरीन ने अपने कार्यकाल में बहुत अच्छे काम किए हैं और आज वह बाकी सभी महिलाओं को लिए भी मिसाल है।
4.एंजेला मर्केल
एंजेला मर्केल जर्मनी की चांसलर हैं। वह अपने प्रभावशाली काम के कारण तो जानी ही जाती हैं साथ ही वह फोर्ब्स की सूची में टॉप स्थान पर रही हैं और वह लगातार पिछले 10 सालों से पहले स्थान पर है। इसका कारण इसलिए क्योंकि फोर्ब्स के मुताबिक, मर्केल यूरोप की प्रमुख नेता हैं और जर्मनी को वित्तीय संकट से उभारकर क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का नेतृत्व कर रही हैं।
5. रोबीन रिहाना फेंटी
रिहाना का नाम आज कौन नहीं जानता है। वो रिहाना जो दुनिया पर राज करती है लेकिन एक समय ऐसा आया कि यही सफर उनके लिए आसान नहीं था। एक कलाकार, अभिनेत्री, सॉन्ग राइटर, सिंगर और बिजनेसवुमेन हैं। रिहाना ने लगभग सात साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था और उन्होंने अपने सफर में अपने बहुत से हिट गाने गाए हैं। रिहाना को बहुत से पुरस्कार भी मिल चुके हैं। रिहाना की लाइफ आसान नहीं थी उनके पिता नशा करते थे जिसका असर उनपर होता था लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। और यही कारण रहा कि वे आज एक सफल और फोर्ब्स मैगजीन की100 सबसे पावरफुल वुमेन की लिस्ट में भी आती हैं।
6. परमदीप कौर
लड़की को कोख में ही मारने वाले और उन्हें लड़कों से कम आंकने वालों के लिए परमदीप कौर एक मिसाल है। वह न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि देश का भी नाम रोशन कर रही है। परमदीप कौर जल्दी ही कनाडा पुलिस डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं देंगी। वह कैनेडा में एक पुलिस कर्मचारी चुनी गई है। परमदीप कौर को बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना था और मोगा के दोधर गांव के मास्टर हरचंद सिंह की बेटी परमदीप सिंह शादी करवाकर 2003 में कनाडा चली गई थी। वहीं उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और साथ-साथ बैकरी, बैंक और एटीएम (ATM) में नौकरी भी करती रहीं। इसके साथ ही उन्होंने कनाडा पुलिस में भर्ती होने के लिए फोर्म भी भरे और वह पुलिसकर्मी के तौर पर सिलेक्ट हो गई हैं।
7. अर्चना राव और दीपा अम्बेडकर
इस साल अपने देश में तो लड़कियों ने नाम रोशन किया ही है वहीं विदेशों में भी भारतीय लड़कियों के खूब चर्चे रहे। हम जिन 2 महिलाओं की बात कर रहे हैं उनका नाम है अर्चना राव और दीपा अम्बेडकर जो अमेरिका न्यूयॉर्क सिटी में बतौर जज चुनी गई है। दोनों महिलाएं क्रिमिनल एंड सिविल कोर्ट की जज नियुक्त की गई है। इनकी नियुक्ती मेयर बिल डी ब्लासियो ने खुद की है।
8. गीतांजलि राव
गीतांजलि राव का नाम कौन नहीं जानता है। वो गीतांजलि राव जिसे टाइम मैगजीन के कवर पेज पर आने का मौका मिला। कवर पेज पर आने का मौका तो मिला ही साथ ही में उसे टाइम मैगजीन के 'किड ऑफ द ईयर' पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। गीतांजलि 15 साल की अमेरिका की रहने वाली भारतीय मूल की साइंटिस्ट और इनोवेटर है। इस साल पहली बार टाइम मैगजीन ने 'किड ऑफ द ईयर' के लिए नॉमिनेशन मांगा था, जिसमें करीब 5 हजार बच्चे चुने गए थे। इसमें गीताजंलि ने बाजी मार ली और नॉमिनेशन में पहला स्थान हासिल किया है। गीतांजलि ने ओपियम की लत और साइबरबुलिंग से लोगों को बचाने के लिए एक ऐप 'किंडली और एक क्रोम एक्सटेंशन' बनाया है। उनका यह ऐप मशीन लर्निंग तकनीक से साइबरबुलिंग का पता लगाएगा।
तो ये थी वो महिलाएं जिन्होंने दुनियाभर में अपनी मेहनत से साल 2020 में नाम कमाया।