धनतेरस का दिन क्यों होता है खास, जानिए इस त्योहार से जुड़ी खास बातें
punjabkesari.in Monday, Nov 09, 2020 - 03:53 PM (IST)
दिपावली से एक या दो दिन पहले धनतेरस का पर्व आता है, जिसमें भगवान धनवंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में धनतेरस को काफी महत्व दिया जाता है। इस दिन लोग सोना, चांदी के आभूषण और बर्तन आदि चीजें खरीदकर दिवाली पर पूजते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं इस पर्व से जुड़ी कुछ खास बातें...
पहले जानिए मनाते क्यों हैं धनतेरस?
माना जाता है कि भगवान धनवंतरि का जन्म कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ इसलिए इस दिन को 'धनतेरस' पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान धनवंतरी अमृत का कलश व आयुर्वेद लेकर समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे इसलिए भगवान धनवंतरी को औषधि का जनक भी कहा जाता है। इसके अलावा धनतेरस पर भगवान कुबेर की भी पूजा होती है इसलिए इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है।
धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा
जब भगवान धनवंतरि प्रकट हुए तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इसलिए इस दिन कलश और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन कुछ भी खरीदने से उसमें 13 गुना वृद्धि होती है।
झाड़ू खरीदने की परंपरा
मत्स्य पुराण में झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है इसलिए इस दिन झाड़ू खरीदना भी अच्छा होता है। मान्यता है कि इससे घर में सुख-शांति आती है और बुरी शक्तियों का नाश होता है। इसके अलावा इससे घर में दरिद्रता नहीं आती। साथ ही घर में नई झाड़ू लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।
धनतेरस से शुरू होता है दीपावली का महापर्व
देवी लक्ष्मी के साथ भगवान धनवंतरि भी सागर मंथन से उत्पन्न हुए। हालांकि माता लक्ष्मी धन की देवी हैं इसलिए दीपावली के पहले यानी धनतेरस पर ही दीपमालाएं सजने लगती हैं। ज्यादातर लोग घर-द्वार, आंगन, दुकान में दीपक जलाकर सजावट कर लेते हैं।