प्रेग्नेंसी में महिलाओं को क्यों होती है बवासीर, कैसे रख सकती हैं खुद का बचाव?

punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2020 - 02:03 PM (IST)

गलत लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण महिलाओं को किसी ना किसी हैल्थ प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है, जिसमें से पाइल्स यानि बवासीर भी एक है। हालांकि महिलाओं को पाइल्स की समस्या ज्यादातर गर्भावस्था में देखने को मिलती है। चलिए आपको बताते हैं महिलाओं को क्यों होती है पाइल्स की समस्या और कैसे पाएं इससे छुटकारा।

 

क्या है बवासीर या पाइल्स?

पाइल्‍स को बवासीर में गुदाद्वार (Anus) के अंदरूनी हिस्से में या बाहर कुछ मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों से कई बार ब्लड निकलता है और तेज दर्द भी होती है। कभी-कभी जोर लगाने पर ये मस्से बाहर की ओर आ जाते है।

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क्यों होती है प्रेग्नेंसी में पाइल्‍स?
खून की मात्रा बढ़ना

दरअसल, इस दौरान महिलाओं के शरीर में प्रवाहित हो रहे खून की मात्रा बढ़ जाती है। वहीं प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का हाई लेवल ब्‍लड वेसल की वॉल को शिथिल बना देता है, जिसके कारण महिलाएं पाइल्स की चपेट में आ जाती है।

आयरन की गोलयां

इस दौरान डॉक्‍टर आयरन की गोलियां खाने के लिए देते है और आयरन की गोलियां खाने से कई महिलाओं को पाइल्‍स की प्रॉब्‍लम हो सकती है।

खराब डाइजेशन

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को डाइजेशन या कब्ज की समस्या रहती है, जो पाइल्स का कारण भी बन सकता है।

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प्रसव के दौरान

कुछ महिलाओं को डिलिवरी के दौरान, जब आप शिशु को जन्म देने के लिए जोर लगाती हैं, तब भी यह प्रॉब्‍लम हो सकती है। इसके अलावा जिन महिलाओं को पहले पाइल्स रही हो उन्हें भी प्रेगनेंसी में इसका खतरा रहता है।

अतिरिक्त तरल निकालना

शिशु के जन्म के बाद कुछ हफ्तों तक जब बॉडी प्रेग्नेंसी के दौरान जमा हुए अतिरिक्त तरल (Excess Liquid) को निकालती है तब कब्ज की वजह से भी पाइल्‍स हो सकती है। हालांकि यह इतनी बड़ी समस्या नहीं होती। 

पाइल्‍स के लक्षण

मल त्याग के समय खून आना।
म्यूकस निकलना।
दर्द, सूजन व जलन होना।
बार-बार पेशाब जैसा महसूस होना।
हिप्‍स के आस-पास खुजली होना।

पाइल्‍स से बचने का तरीका

शिशु के जन्म के बाद पाइल्‍स आप ठीक हो जाती है या सालभर तक यह थोड़ी-बहुत समस्या रहती है। मगर कुछ महिलाओं में यह समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। साथ ही अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव भी करें - 

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-रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पिएं और अपनी डाइट में जूस, नारियल पानी आदि को जरूर शामिल करें। साथ ही कॉफी व कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखें।
-अपनी डाइट में खूब सारे फल, सब्जियां, दालें, बीन्स आदि शामिल करें और फाइबर से भरपूर डाइट लें।
-रेगुलर एक्‍सरसाइज करने की कोशिश करें। आप चाहें तो घर पर भी हल्का-फुल्का व्यायाम कर सकती हैं।
-जब भी प्रेशर बने तुरंत वॉशरूम जाएं। इंतजार करने से दिक्‍कत हो सकती है। साथ ही मल त्याग या पेशाब करते समय ज्‍यादा जोर लगाने से बचें।
-पेट में बच्चे की स्थिति अगर सही हो तो कब्ज की समस्या नहीं होती। ऐसे में स्थिर स्थिति, ज्यादा देर तक खड़ी, बैठी या लेटी न रहे। थोड़ा टहलना, चलना-फिरना और लेटना आपके लिए फायदेमंद होगा।

बवासीर का देसी इलाज
जीरे का करें इस्तेमाल

2 लीटर छाछ में 50 ग्राम जीरा पाउडर और थोड़ा नमक मिलाएं। जब भी आपको प्यास लगे तब ही इसे पिएं।  इसके अलावा 1 गिलास पानी में 1/2 चम्मच जीरा पाउडर मिलाकर पीने से भी बवासीर की समस्या दूर होती है।

इसबगोल

इसबगोल के सेवन से अनियमित और सख्त मल से छुटकारा मिलता है। इसे खाने से पेट बड़ी आसानी से साफ होता है और मलत्याग के समय दर्द भी नहीं होती।

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किशमिश

रात को 100 ग्राम किशमिश पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उसे पानी समेत पी लें। इससे बवासीर की समस्या दूर हो जाएगी।

एलोवेरा

एलोवेरा जेल को फ्रिज में ठंडा करने के बाद बवासीर के मस्सों पर धीरे-धीरे मसाज करें। रोजाना मालिश करने से आपको बवासीर और उसके मस्सों से छुटकारा मिल जाएगा।

तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर लगाने से जलन कम होती है और पाइल्स के मस्सो से राहत मिलती है।


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Content Writer

Anjali Rajput

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