गोल्डन टेंपल इतना खास क्यों है, जानकर आप भी खुद को दर्शन से रोक नहीं पाएंगे

punjabkesari.in Wednesday, May 21, 2025 - 01:39 PM (IST)

नारी डेस्क: गोल्डन टेंपल, जिसे हरमिंदर साहिब भी कहा जाता है, न केवल सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थल है, बल्कि यह दुनियाभर के पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र भी है। स्वर्ण मंदिर का शांत वातावरण, उसकी वास्तुकला, धार्मिक महत्व और विशेषता के कारण यह एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए दुनियाभर से लाखों लोग आते हैं। क्या आप भी इस धार्मिक स्थल के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं? तो आइए, जानते हैं गोल्डन टेंपल की 7 खास बातें, जो इसे इतना खास बनाती हैं और आपको यहां दर्शन के लिए जरूर प्रेरित करेंगी।

स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करते ही एक दिव्य और शांतिपूर्ण वातावरण हर किसी को छू जाता है। मंदिर परिसर में दिन-रात गूंजती गुरबाणी, चारों ओर फैला अमृत सरोवर और हर कोने में नजर आती सेवा भावना इसे अनोखा बनाते हैं।

यहां जानिए स्वर्ण मंदिर की 7 सबसे खास बातें, जो इसे बनाती हैं बेहद खास और यादगार —

अमृतसर शहर की आत्मा: स्वर्ण मंदिर

स्वर्ण मंदिर को अमृतसर की आत्मा कहा जाता है। यह शहर इसी मंदिर के चारों ओर बसा है। अमृतसर का नाम भी मंदिर के जलाशय 'अमृत सरोवर' से पड़ा है, जिसे गुरु राम दास जी ने खुद अपने हाथों से बनवाया था।

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400 साल पुरानी विरासत

स्वर्ण मंदिर का इतिहास करीब 400 साल पुराना है, और इसकी नींव गुरु रामदास जी ने रखी थी, जबकि इसका नक्शा गुरु अर्जुन देव जी ने तैयार किया था। इसे कई बार हमलावरों द्वारा नष्ट किया गया, लेकिन हर बार इसका पुनर्निर्माण हुआ। खासकर 19वीं सदी में, जब महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर का पुनर्निर्माण किया और इसे सोने की परत से सजाया। इस पुनर्निर्माण के बाद स्वर्ण मंदिर अपनी वर्तमान भव्यता और आकर्षण के साथ स्थापित हुआ। इसका शिखर आज भी सिख धर्म के श्रद्धालुओं के लिए एक श्रद्धा का प्रतीक है।

अद्भुत सोने की नक्काशी

स्वर्ण मंदिर की बाहरी दीवारों पर सोने की परत चढ़ी है, जो इसकी वास्तुकला को और भी खूबसूरत बनाती है। सफेद संगमरमर से बनी इस भव्य संरचना में जटिल सोने की नक्काशी की गई है, जो दूर से ही आकर्षित करती है। इस मंदिर में प्रत्येक दीवार और खंभे पर की गई नक्काशी, सजावट और भव्यता का एक अनोखा समागम है, जो इसे एक धार्मिक स्थल के साथ-साथ एक कला का उत्कृष्ट उदाहरण भी बनाता है।

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 दिन-रात गूंजती है गुरबाणी

स्वर्ण मंदिर के अंदर हर समय गुरबाणी का पाठ चलता रहता है। यहां पर गुरुद्वारे में चारों ओर गुरबाणी की आवाज़ गूंजती रहती है, जो माहौल को पूरी तरह से भक्तिमय बना देती है। यह सुरेल आवाज़ न केवल परिसर में एक धार्मिक वातावरण पैदा करती है, बल्कि सुनने वालों के दिलों में शांति और सुकून का अनुभव भी देती है। यह दिन और रात के समय श्रद्धालुओं को ध्यान और आत्मा की शांति के लिए प्रेरित करती है।

 लंगर सेवा: दुनिया का सबसे बड़ा कम्युनिटी किचन

स्वर्ण मंदिर में स्थित लंगर सेवा दुनिया के सबसे बड़े कम्युनिटी किचन के रूप में प्रसिद्ध है। यहां 24 घंटे निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है, और यह सेवा पूरी तरह से स्वयंसेवकों और दान से चलती है। लगभग 40,000 से 1,00,000 लोग यहां प्रतिदिन लंगर का हिस्सा बनते हैं, जिसमें सिख समुदाय के लोग सेवा करते हैं। इस सेवा के माध्यम से गुरुद्वारे का उद्देश्य मानवता की सेवा और समुदाय के बीच एकता को बढ़ावा देना है। यहां के भोजन का स्वाद और सेवा की भावना दोनों ही श्रद्धालुओं के दिलों में एक विशेष स्थान बनाती है।

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इतिहास को समेटे संग्रहालय

स्वर्ण मंदिर परिसर में स्थित संग्रहालय सिख इतिहास की महान गाथाओं को समर्पित है। इस संग्रहालय में सिख धर्म के महत्वपूर्ण घटनाओं और वीरता की तस्वीरें और शिलालेखों के माध्यम से पेश की गई हैं। यहां आपको सिख गुरुओं और उनके अनुयायियों द्वारा किए गए बलिदानों की भी जानकारी मिलती है। इस संग्रहालय के माध्यम से सिख समुदाय की महानता, संघर्ष और त्याग को दर्शाया जाता है, जो भारतीय इतिहास का अभिन्न हिस्सा है।

रात्रि में दिव्य रूप

स्वर्ण मंदिर का रात में दृश्य किसी दिव्य लोक से कम नहीं लगता। जब रात के अंधेरे में मंदिर की सोने की छत और उसकी दीवारों पर पीली और सफेद रोशनी पड़ती है, तो यह दृश्य चमत्कारी और रहस्यमय प्रतीत होता है। अमृत सरोवर का शांति से भरा पानी और उसमें स्वर्ण मंदिर का प्रतिबिंब, दृश्य को और भी सुंदर और ध्यान आकर्षित करने वाला बना देता है। खासकर दिवाली और प्रकाश उत्सव के दौरान मंदिर की रात की सुंदरता को देखना एक अद्भुत अनुभव होता है।

पवित्र अमृत सरोवर

स्वर्ण मंदिर के चारों ओर फैला अमृत सरोवर न केवल मंदिर के परिसर का हिस्सा है, बल्कि यह आस्था और शांति का प्रतीक भी है। इस सरोवर के जल में पवित्रता और शांति का अहसास होता है, और यहां के ठंडे जल में स्नान करने से शरीर और मन को ताजगी मिलती है। हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमृत सरोवर में स्नान करते हैं, जो उन्हें शुद्धता और मानसिक शांति का अहसास कराता है।

 सिख धर्म का मुख्यालय

स्वर्ण मंदिर न केवल सिखों का धार्मिक केंद्र है, बल्कि यह सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर भी है। यह न केवल एक मंदिर है, बल्कि यह सिखों की पूरी संस्कृति, धरोहर और आस्था का प्रतीक है। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल मंदिर के दर्शन करते हैं, बल्कि वे सिख धर्म के दर्शन, दर्शनशास्त्र और सामाजिक सेवा के महत्व को भी समझते हैं।

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अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं का आकर्षण

स्वर्ण मंदिर न केवल भारत से, बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालुओं का केंद्र है। यहां हर साल लाखों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं, चाहे वे सिख धर्म के हों या अन्य धर्मों के। स्वर्ण मंदिर का आंतरिक सौंदर्य, शांतिपूर्ण वातावरण और समुदाय की सेवा भावना इसे विश्वभर में एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है।

धार्मिक सहिष्णुता और एकता का प्रतीक

स्वर्ण मंदिर की संरचना, इसका इतिहास और यहां की गतिविधियां धार्मिक सहिष्णुता और एकता का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। स्वर्ण मंदिर में हर धर्म और जाति के लोग श्रद्धा भाव से आते हैं और यहां समान रूप से सेवा करते हैं। यह स्थान सभी के लिए खुला है और यहां किसी भी भेदभाव का कोई स्थान नहीं है, जो इसे एक आदर्श धार्मिक स्थल बनाता है।

कैसे पहुंचे स्वर्ण मंदिर?

स्वर्ण मंदिर तक पहुंचना बेहद आसान है।

हवाई मार्ग से: अमृतसर एयरपोर्ट से मात्र 11 किमी दूर।

रेल मार्ग से: अमृतसर रेलवे स्टेशन से टैक्सी या रिक्शा द्वारा।

सड़क मार्ग से: दिल्ली और अन्य शहरों से नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।

अगर आप भागदौड़ भरी जिंदगी से थोड़ी राहत चाहते हैं और मन को सुकून देना चाहते हैं, तो एक बार स्वर्ण मंदिर जरूर जाएं। यहां की शांति, सेवा और सौंदर्य आपको भीतर तक छू जाएगा।
 

 
 


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Content Editor

Priya Yadav

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