कम बजट में स्टाइलिश और वास्तु अनुकूल घर कैसे बनाएं

punjabkesari.in Wednesday, May 21, 2025 - 05:59 PM (IST)

नारी डेस्क: आज के दौर में हर कोई अपने घर को ऐसा बनाना चाहता है जो सिर्फ सुंदर न लगे, बल्कि शांति, ऊर्जा और सकारात्मकता से भी भरपूर हो। ये काम आप बिना ज़्यादा खर्च किए भी कर सकते हैं — अगर आपके पास थोड़ी रचनात्मकता है और वास्तु की बुनियादी समझ।

अधूरी चीज़ों में भी हो सकती है खूबसूरती

हर चीज़ फिनिश्ड और परफेक्ट ही हो, ऐसा ज़रूरी नहीं। जैसे – अधूरी ईंटों की दीवार को वाइटवॉश कर मिनिमल लुक देना। सिमेट्री और पॉलिश से अलग, कभी-कभी कच्चे और अधूरे टेक्स्चर घर को एकदम खास बना देते हैं। पुराने लकड़ी के बोर्ड पर कोट्स पेंट कर दीवार पर लगाएं।

वास्तु नजरिया: दीवारों पर अपने लक्ष्य और सकारात्मक शब्द लिखें – उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं। यह ब्रह्म स्थान को एक्टिव करता है।

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सुगंध से सजाएं – ऑल-नेचुरल तरीका

कम बजट और बड़ी ऊर्जा के लिए प्राकृतिक सुगंध अद्भुत काम करती है। नींबू, लौंग, दालचीनी और कपूर को मल्टीविक सुगंध डिफ्यूज़र में रखें। पुराने बोतलों को डेकोर जार बनाकर, उनमें essential oils डालें।

वास्तु फायदा: दक्षिण-पूर्व में सुगंध रखने से अग्नि तत्व संतुलित रहता है — जिससे धन और ऊर्जा का प्रवाह सुधरता है।

Fabric Layering – बजट में स्टाइल का राजा

सिर्फ कुशन नहीं, बल्कि परदों, टेबल रनर्स, यहां तक कि बेड हेडबोर्ड को भी कपड़े से सजाएं। पुराने दुपट्टे, हैंडलूम थ्रोज़, या लोकल बाज़ार से मिले फैब्रिक यूज़ करें।

 वास्तु टिप: रंगों का चुनाव दिशा अनुसार करें – जैसे उत्तर के लिए नीला, पूर्व के लिए हरा, दक्षिण के लिए लाल/गुलाबी।

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माइंडफुल कॉर्नर बनाएं – पॉज़िटिव एनर्जी के लिए

एक कोना जहां सिर्फ ध्यान, योग, या शांत बैठना हो।

एक छोटा आसन, सुगंधित मोमबत्ती, और एक मंत्र लिखा हुआ फ्रेम। वहां आसपास मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण न रखें।

वास्तु अनुसार: इस स्थान को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में बनाना सर्वोत्तम रहता है।

Mood Zones बनाएं रोशनी से

घर में एक-सी ट्यूब लाइट के बजाय, हर कोने के लिए अलग रोशनी इस्तेमाल करें।

रसोई के लिए warm white strip lights, बालकनी में सोलर लैंटर्न,  बुक कॉर्नर में table lamp with warm bulb।

वास्तु नोट: अलग-अलग mood zones से पंचतत्व (जल, अग्नि, आकाश, वायु, पृथ्वी) का संतुलन अच्छा होता है।

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Texture Walls बनाएं – पेंट के बिना

टेक्स्चर सिर्फ रंगों से नहीं आता। कम बजट में भी दीवारों को आकर्षक बनाया जा सकता है:

लकड़ी के स्क्रैप से ग्रिड बनाएं,  पुरानी किताबों से आर्ट वॉल, मिट्टी या जूट की प्लेटों से लोकल फील।

वास्तु पॉइंट: पश्चिम दिशा की दीवारों पर earthy टेक्स्चर लगाने से स्थिरता और सुरक्षा मिलती है।

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साउंड वास्तु – ध्वनि से सजावट

आजकल वाइब्स की बात होती है — और उसमें “साउंड” का बड़ा रोल है।

विंड चाइम, हैंडबेल, मंदिर की छोटी घंटी, या बांसुरी की ध्वनि।

 वास्तु अनुसार: ध्वनि तरंगें वायुतत्व को सक्रिय करती हैं — खासकर उत्तर-पश्चिम दिशा में इनका उपयोग करें।

इमोशनल कलर ज़ोन्स – रंगों का व्यवहारिक उपयोग

रंग मन के भावों को प्रभावित करते हैं — वास्तु भी यही कहता है।

Study zone: हल्का हरा या पीला
Dining: हल्का नारंगी 
Bedroom: टेराकोटा या लैवेंडर

टिप: वॉलपेंट से बचें, बल्कि पोस्टर, फैब्रिक फ्रेम या वॉल डेकोर से रंग शामिल करें।

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इमोशनल डेकोर – यादों से सजावट

महंगे पेंटिंग्स से ज़्यादा असर करता है आपके अपने अनुभवों का इंटीरियर।

यहाँ कुछ और क्रिएटिव आइडियाज़, जिनसे आपके घर को आपके अपने जीवन की कहानियाँ मिलेंगी:

ट्रैवल मेमोरबिलिया

फ़्रेम करें अपने पसंदीदा शहरों के पोस्टकार्ड, मेट्रो/ट्रेन टिकट, या छोटे मैप्स।

वास्तु टिप: इन्हें पूर्व दिशा में लगाएं—नए अवसरों के द्वार खुले रहेंगे।

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समय की कहानी – यादों के साक्ष्य

पुराने सर्टिफिकेट्स, मेडल्स या स्कूल की ट्रॉफी, बचपन की कोई उपलब्धि या फैमिली की सामूहिक फोटो को सजाकर एक ऐसी दीवार बनाएं जो आत्मबल बढ़ाए और याद दिलाते रहें कि हर सदस्य की मेहनत इस घर की नींव है।

वास्तु टिप: इन्हें पश्चिम-उत्तर दिशा में रखें—गौरव और सम्मान बढ़ता है।

हाथ से लिखी चिट्ठियां और डायरी के पन्ने

बड़ी स्क्रिप्ट में लिखी किसी खास यादगार चिट्ठी, या ज़ुबानी कहानियाँ डायरी के पन्नों पर—शैडो बॉक्स में सजाएं।

रेसिपी लेगसी वॉल

दादी-नानी की दाल-बाटी रेसिपी, या पिताजी का खास मसाला मिक्स—हरे-सफ़ेद कार्ड पर लिखकर, किचन के पास छोटे क्लिपबोर्ड पर लगाएँ।

संगीत और कल्चर कमरा

पुराने वाइनाइल रिकॉर्ड्स, टिकट-स्टब्स, या कॉन्सर्ट की तस्वीरों को एक कोलाज में सजाएँ।

वास्तु टिप: उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें—संचार और रचनात्मकता को बल मिलता है।

हैंडक्राफ्ट और लोकल ब्लॉक-प्रिंट

अपना पहला हैन्डमेड स्कार्फ, लोकल मेला से खरीदा कोई कढ़ाई वर्क या ब्लॉक-प्रिंटेड कपड़ा—इनें दीवार पर फैब्रिक फ्रेम में लगाएँ।

डिजिटल मेमोरी कोर्नर

छोटा डिजिटल फोटो फ्रेम लें जिसमें परिवार के वीडियो क्लिप और स्लाइडशो चलते रहें l

इन सभी आइटम्स को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है, क्योंकि वे न केवल घर को व्यक्तिगत बनाते हैं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को भी सक्रिय रखते हैं।

सजावट सिर्फ दिखावा नहीं, आत्म-संतोष और ऊर्जा का जरिया है। अगर आप थोड़ा हटकर सोचें, तो बिना ज़्यादा खर्च के भी घर को सुंदर और वास्तुअनुकूल बना सकते हैं। आखिरकार, घर वही होता है जो मन और आत्मा को सुकून दे — चाहे वो छोटा हो, पुराना हो या नया।

लेखिका-रक्षा सेठी  इंटीरियर डिज़ाइनर इंदौर


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Content Editor

Priya Yadav

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