भारत की नन्ही योगिनी Vanya Sharma ने 7 साल की उम्र में बना दिए 13 World Record
punjabkesari.in Thursday, May 22, 2025 - 07:09 PM (IST)

नारी डेस्क: जब बच्चे खेल-कूद में मग्न होते हैं, उस उम्र में कोई बच्ची तप और साधना की राह चुन ले—तो यकीन मानिए, वह साधारण नहीं, विशेष आत्मा होती है। दिल्ली की 7 वर्षीय वान्या शर्मा ऐसी ही अद्वितीय बालिका हैं, जिन्होंने यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना 13वां विश्व रिकॉर्ड दर्ज कराते हुए "सबसे कम उम्र की ग्लोबल योगा आइकॉन" बनने का गौरव हासिल किया है।
2 साल की उम्र से योग का आरंभ
वान्या ने महज 2 वर्ष की उम्र में योग के क्षेत्र में कदम रखा था। आज वह न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी योग की युवा प्रतीक बन चुकी हैं। दिल्ली के पीतमपुरा स्थित एस.डी. पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 की छात्रा वान्या हर सुबह सूर्य नमस्कार, ध्यान और वेद मंत्रों से दिन की शुरुआत करती हैं। मौसम चाहे जैसा भी हो, उनकी साधना में कभी कोई बाधा नहीं आती।
परिवार से मिला आध्यात्मिक संस्कार
वान्या को यह प्रेरणा उनके माता-पिता हेमंत और हिमानी शर्मा से मिली है, जो स्वयं योग के समर्पित साधक हैं। उन्होंने वान्या के बालमन में न केवल योग के प्रति प्रेम पैदा किया, बल्कि उसे जीवनशैली में भी शामिल कराया। इसी साधना का परिणाम है कि आज वान्या भारत की सांस्कृतिक विरासत की जीवंत प्रतिनिधि बन गई हैं।
13 विश्व रिकॉर्ड और अनगिनत सम्मान
वान्या के नाम अब तक 13 वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं, जिनमें गिनीज़, एशिया, इंडिया, इंटरनेशनल, यूनिवर्सल, जीनियस बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स आदि शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अवार्ड, रतन टाटा मेमोरियल अवार्ड, ग्लोबल फेम अवार्ड और शहीद भगत सिंह नोबल अवार्ड जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त किए हैं।
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सेवा भाव से सामाजिक परिवर्तन की ओर
वान्या केवल रिकॉर्ड बनाकर नहीं रुकीं, बल्कि उन्होंने "Yoga for Har Ghar" अभियान की संयोजिका के रूप में दिव्यांग बच्चों को योग सिखाने का बीड़ा उठाया है। उनका मानना है कि योग केवल शरीर नहीं, चेतना को लचीला बनाता है। वान्या ने नेपाल सहित कई देशों में वर्चुअल योग सत्रों के माध्यम से भारतीय योग संस्कृति को विश्व स्तर पर प्रचारित किया है।
भविष्य के सपनों की उड़ान
अब वान्या का अगला लक्ष्य है "Yoga Littles" — एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, जहाँ बच्चे खेल-खेल में योग सीख सकें। इसके साथ ही वह “स्वस्थ भारत” नामक एक डॉक्युमेंट्री पर कार्य कर रही हैं, जो भारत की आयुर्वेदिक और योग परंपरा को वैश्विक मंच पर नई दृष्टि से प्रस्तुत करेगी।
वान्या वर्तमान में कल्कि फाउंडेशन की ब्रांड एम्बेसडर भी हैं।
वान्या का संदेश
"योग शरीर नहीं, चेतना को लचीला बनाता है।" नन्ही उम्र में इतनी गहराई से योग को आत्मसात करना और उसे समाज के हित में लगाना — यह वान्या शर्मा को आज के भारत की एक अनोखी प्रेरणा बनाता है।