बच्चों के बॉडी और ब्रेन के विकास के लिए कौन-सी मछली है सबसे फायदेमंद? डाइट में जरूर करें शामिल

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 02:29 PM (IST)

नारी डेस्क: बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सही और पोषणयुक्त आहार बहुत जरूरी होता है। बच्चों के पोषण वाले खाने में मछली की भी अहम भूमिका होती है। मछली में प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी और मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। बच्चों की डाइट में मछली को शामिल करने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है। लेकिन जब बच्चों को मछली खिलाने की बात आती है तो पेरेंट्स अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं कि उन्हें कौन सी मछली खिलानी चाहिए। इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए हम इस लेख में बच्चों के लिए सही मछली के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

बच्चों को कौन-सी मछली खिलानी चाहिए?

कुछ मछलियों में मरकरी की मात्रा ज्यादा होती है। बच्चों के लिए मरकरी का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है और यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए बच्चों को ऐसी मछलियां खिलानी चाहिए जिनमें मरकरी कम हो और जो हल्की, पौष्टिक और सुरक्षित हों।

रोहू मछली

रोहू मछली बिहार, बंगाल और दक्षिणी भारत के कई राज्यों में काफी पसंद की जाती है। इसमें मरकरी की मात्रा बहुत कम होती है। रोहू मछली में विटामिन A, D और कैल्शियम अच्छे मात्रा में पाए जाते हैं, जो बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। डाइटिशियन के अनुसार, रोहू मछली बच्चों में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करती है और शरीर में सूजन को घटाती है। साथ ही, यह मछली कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करती है, जिससे हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है।

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सालमन मछली

सालमन मछली बच्चों के दिमागी विकास के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें फाइबर पाया जाता है जो बच्चों के पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। इससे कब्ज, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं। सालमन मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चों के दिल की सेहत को बेहतर बनाता है। इसके साथ ही, सालमन के पोषक तत्व बच्चों की एनर्जी भी बढ़ाते हैं।

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हिलसा मछली

हिलसा मछली में हड्डियां ज्यादा होती हैं, इसलिए इसे सावधानी से खिलाना चाहिए। यह मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है, जो बच्चों की दिमागी क्षमता को बढ़ाता है और उनकी याददाश्त को तेज करता है। शोध बताते हैं कि सप्ताह में एक बार हिलसा मछली खाने से बच्चों की कॉग्निटिव स्किल्स और ब्रेन डेवलपमेंट बेहतर होता है। इसमें DHA (डोकोसा हेक्सा no इक एसिड) भी होता है जो मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।

कैटफिश (मांगुर मछली)

कैटफिश को मांगुर मछली भी कहा जाता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत अच्छी होती है, जो बच्चों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और चोट से जल्दी उबरने में मदद करती है। हालांकि, कैटफिश में मरकरी की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। इसलिए इसे 2 साल की उम्र के बाद ही बच्चों को खिलाना चाहिए।

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बच्चों को मछली खिलाने के फायदे

मछली के पोषक तत्व बच्चों के दिमागी विकास को बेहतर बनाते हैं। मछलियों में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चों की आंखों के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे उनकी नजर तेज होती है। मछली में प्रोटीन और जिंक होता है, जो बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है और बीमारियों के खतरे को कम करता है। मछली के पोषक तत्व बालों की चमक और त्वचा की रंगत को भी बेहतर बनाते हैं।

मछली खिलाने में ध्यान रखने वाली बातें

बच्चों को मछली खिलाने से पहले उनकी उम्र और मछली के प्रकार का ध्यान रखना जरूरी है। ठोस आहार शुरू करने के बाद ही मछली देना सुरक्षित होता है। मछली की हड्डियां बहुत पतली होती हैं, इसलिए बच्चों को मछली खिलाने से पहले हड्डियां अच्छी तरह निकाल देना चाहिए। अगर बच्चे के गले में मछली की हड्डी फंस जाए तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें।

मां-बाप को चाहिए कि वे बच्चों को मछली खिलाने से पहले उचित जानकारी लें और ध्यान रखें कि मछली पूरी तरह से साफ और हड्डियों से मुक्त हो।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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