बच्चों की ग्रोथ जानने के लिए कराएं ये 5 जरूरी टेस्ट, हर पेरेंट्स को होनी चाहिए इसकी जानकारी

punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 03:05 PM (IST)

नारी डेस्क: हर माता-पिता की यह चाहत होती है कि उनका बच्चा सेहतमंद, तंदुरुस्त और अपनी उम्र के हिसाब से अच्छे से विकास करे। बच्चे का कद, वजन, मानसिक विकास और शारीरिक क्षमता सही दिशा में बढ़ रही है या नहीं, यह जानना बहुत ज़रूरी होता है। केवल बाहरी लक्षणों को देखकर अंदाज़ा लगाना हमेशा सही नहीं होता। कई बार बच्चों की ग्रोथ धीमी हो रही होती है लेकिन मां-बाप को इसका पता देर से चलता है। ऐसे में समय-समय पर कुछ ज़रूरी मेडिकल टेस्ट करवा लेना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि बच्चों की सही ग्रोथ जानने और किसी परेशानी की पहचान करने के लिए कुछ बेसिक हेल्थ टेस्ट ज़रूर करवाए जाने चाहिए। ये टेस्ट पोषण, ग्रोथ हार्मोन और शरीर के बाकी ज़रूरी फंक्शन को समझने में मदद करते हैं।
आइए जानते हैं बच्चों की ग्रोथ चेक करने के लिए कौन-से 5 टेस्ट जरूरी हैं।

ग्रोथ हार्मोन लेवल टेस्ट

यह टेस्ट यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि बच्चे के शरीर में ग्रोथ हार्मोन सही मात्रा में बन रहा है या नहीं। अगर ग्रोथ हार्मोन की कमी हो जाए, तो बच्चे की हाइट रुक सकती है और ओवरऑल ग्रोथ भी धीमी हो सकती है। इस टेस्ट से यह भी जाना जा सकता है कि बच्चा अक्सर थका-थका क्यों रहता है, मांसपेशियां कमजोर क्यों हैं और कद क्यों नहीं बढ़ रहा। अगर कोई दिक्कत मिले, तो सही समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है।

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थायरॉइड फंक्शन टेस्ट

थायरॉइड हार्मोन शरीर के विकास और दिमाग की ग्रोथ में बहुत अहम रोल निभाता है। अगर थायरॉइड में गड़बड़ी हो जाए, तो बच्चे की ग्रोथ रुक सकती है, वजन अचानक बढ़ या घट सकता है और बच्चा सुस्त पड़ सकता है। इस टेस्ट से यह भी पता लगाया जा सकता है कि बच्चा पढ़ाई में ध्यान क्यों नहीं दे पा रहा या हर समय थका-थका क्यों लगता है।

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विटामिन डी और कैल्शियम लेवल टेस्ट

बच्चों की हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन डी और कैल्शियम बहुत जरूरी हैं। अगर इनकी कमी हो जाए, तो बच्चे की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, चलने में देरी हो सकती है और बार-बार मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द की शिकायत हो सकती है। इस टेस्ट से हड्डियों की हेल्थ का अंदाज़ा लगता है और जरूरत पड़ने पर सप्लीमेंट या डाइट में बदलाव किया जा सकता है।

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हीमोग्लोबिन और आयरन लेवल टेस्ट

हीमोग्लोबिन और आयरन की कमी बच्चों में थकान, चिड़चिड़ापन और विकास में रुकावट का कारण बन सकती है। अगर बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है, खाना नहीं खाता या ध्यान नहीं लगाता, तो यह टेस्ट जरूर करवाएं। यह टेस्ट पोषण स्तर और एनीमिया जैसी दिक्कतों की पहचान करता है ताकि सही इलाज शुरू हो सके।

ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म प्रोफाइल

यह टेस्ट यह बताता है कि बच्चे का शरीर खाने को कैसे पचा रहा है और ऊर्जा में कैसे बदल रहा है। अगर बच्चा मोटा हो रहा है, बार-बार प्यास लग रही है, कमजोरी महसूस कर रहा है या अचानक वजन बढ़ या घट रहा है, तो यह टेस्ट करवाना जरूरी है। इससे डायबिटीज या मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं का भी पता चलता है।

समय रहते डॉक्टर की सलाह लेकर ये टेस्ट करवा लेने से किसी भी बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है और बच्चे को सेहतमंद भविष्य दिया जा सकता है।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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