बारिश के मौसम में बच्चों को बार-बार हो रहा सर्दी बुखार तो अपनाएं ये आसान घरेलू इलाज
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 02:15 PM (IST)

नारी डेस्क: बरसात का मौसम बच्चों के लिए जितना मज़ेदार होता है, उतना ही उनकी सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकता है। इस मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है और तापमान में उतार-चढ़ाव होता रहता है जिससे बच्चों को सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां जल्दी हो सकती हैं। छोटे बच्चों को स्वस्थ रखना इस मौसम में चुनौती बन जाता है।
बरसात के मौसम में बच्चों को सर्दी-जुकाम क्यों होता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती है। इसलिए वे वायरस, बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण का जल्दी शिकार हो जाते हैं। बारिश के समय हवा में नमी बनी रहती है और तापमान में बदलाव से शरीर का तापमान ठीक से संतुलित नहीं रह पाता, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों को बारिश में भीगना बहुत पसंद होता है, लेकिन बारिश में भीगना, गंदे पानी में खेलना या गीले कपड़े लंबे समय तक पहने रहना उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बारिश के मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से फैलते हैं। ऐसे में बच्चों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
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बच्चों की सर्दी-जुकाम और बुखार में राहत के घरेलू नुस्खे
हल्दी वाला दूध: सोने से पहले गुनगुने दूध में थोड़ी हल्दी मिलाकर बच्चों को पिलाएं। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने और गले की खराश में आराम देने में मदद करते हैं।
अदरक, तुलसी और शहद का काढ़ा: गले की खराश, खांसी या बुखार में तुलसी के पत्ते, अदरक, काली मिर्च और शहद का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन यह काढ़ा एक साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए।
सोंठ और गुड़: सर्दी-बुखार में सोंठ और गुड़ का सेवन लाभकारी होता है। सोंठ, हल्दी, काली मिर्च और तुलसी को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और बच्चों को हल्का गुनगुना करके पिलाएं।
गुनगुना पानी: सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर बच्चों को ठंडी चीजें नहीं देनी चाहिए। उन्हें गुनगुना या हल्का गर्म पानी पिलाएं, जिससे गले की सूजन और तकलीफ कम हो सकती है।
नमक के पानी से गरारा: अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करवाया जा सकता है। इससे गले की खराश और सूजन में आराम मिलता है।
तुलसी और अदरक का रस: तुलसी के पत्तों और अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर देने से सर्दी-जुकाम और बुखार में राहत मिलती है।
तरल पदार्थों का सेवन: बुखार होने पर बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। इसके साथ ही नारियल पानी, सूप या ताजे फलों का रस भी दें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती और ऊर्जा बनी रहती है।
बारिश के पानी और संक्रमण से बचाव के उपाय
बच्चों को बारिश में भीगने या गंदे पानी में खेलने से बचाएं।
गीले कपड़ों को तुरंत बदल दें और सूखे, हल्के कपड़े पहनाएं।
बच्चों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और बार-बार हाथ धोवाएं।
बच्चों को पौष्टिक और संतुलित आहार दें ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो।
बच्चों को पूरा आराम और नींद लेने का समय दें।
समय-समय पर बच्चों का टीकाकरण करवाते रहें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर सर्दी-जुकाम या बुखार के लक्षण दो दिन से ज्यादा समय तक बने रहें तो डॉक्टर से जरूर मिलें। डॉक्टर की सलाह पर ही दवाइयां लें और आवश्यक टेस्ट कराएं। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें यदि बुखार 2 दिनसे ज्यादा हो या तेज हो जाए। सांस लेने में दिक्कत हो, लगातार खांसी हो, उल्टी हो या दौरे पड़ें। बच्चा बहुत सुस्त हो जाए, चिड़चिड़ा हो जाए या खाना-पीना बंद कर दे