"मुझे तुम्हारा दोस्त पसंद..." पेरेंट्स कभी न कहें ये बात, नहीं तो आपसे दूर हो जाएगा बच्चा
punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 02:31 PM (IST)

नारी डेस्क: कई माता-पिता के सामने ऐसी स्थिति आती है कि उनके बच्चे का अच्छा या सबसे अच्छा दोस्त उन्हें (माता-पिता) पसंद नहीं आता। हो सकता है कि वह दोस्त दबंग हो, बुरे व्यवहार वाला हो या आपके फर्नीचर पर कूदता हो। हो सकता है कि आपको अपने बच्चे का व्यवहार तब पसंद न हो जब वह अपने इस दोस्त के साथ होता है। कई बार माता-पिता का दोस्त के प्रति बुरा व्यवहार बच्चे को उनसे अलग कर देता है। आज हम आपको बताते हैं कि अगर आपको भी अपने बच्चे का दोस्त पसंद नहीं है तो आपको क्या करना चाहिए।
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ये गलती ना करें माता- पिता
कई बार गुस्से में माता- पिता बच्चे की दोस्ती पर रोक लगाने का प्रयास करते हैं। हालांकि यह रुख अच्छा करने के बजाए नुकसान ज्यादा पहुंचा सकता है, खासकर उन किशोरों के लिए जो अपने माता-पिता का विरोध करने में हिचकिचाते नहीं हैं। बड़े बच्चों के लिए अपना दृष्टिकोण बदलें। उनकी दोस्ती में हस्तक्षेप करने से उनकी स्वतंत्रता और पहचान बनाने की पूरी प्रक्रिया में बाधा आती है। साठ के दशक में अमेरिकी मनोवैज्ञानिक डायना बाउमरिंड ने पालन-पोषण पर एक शोध प्रकाशित किया जो काफी लोकप्रिय हुआ। उन्होंने पाया कि एक अधिनायकवादी शैली - जहां माता-पिता पूर्ण नियंत्रण रखते हैं और बच्चे की ज़रूरतों को नहीं समझते वहां बच्चे में आत्मविश्वास कम होता है।
बच्चों को करनें दें गलतियां
दोस्तों या संभावित साझेदारों के प्रति अधिनायकवादी दृष्टिकोण अपनाने से ‘रोमियो और जूलियट' प्रभाव का खतरा भी रहता है अर्थात ऐसी स्थिति जहां अस्वीकृति के कारण बच्चा उस व्यक्ति के प्रति अधिक आकर्षित हो जाता है। इसलिए, किशोरों और उनके दोस्तों के लिए दृष्टिकोण अधिक समझदारी भरा होना चाहिए। प्राथमिक लक्ष्य बच्चे को माता-पिता को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके पास वे समस्या होने पर आ सकते हैं। यदि माता-पिता आलोचनात्मक होते हैं तो वे खुद से पूछ सकते हैं कि क्या यह आपके बच्चे के सर्वोत्तम हित में है? बच्चों को गलतियां करने देना ज़रूरी है ताकि वे उनसे सीख सकें। रिश्तों में वे क्या करना चाहते हैं और क्या नहीं, यह सीखना महत्वपूर्ण है।
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आप दोस्ती के बारे में कैसे बात कर सकते हैं?
दोस्तों और रिश्तों के बारे में खुली बातचीत को बढ़ावा देने से माता-पिता को बच्चों से बातचीत में मदद मिल सकती है।बड़े बच्चों के लिए, आदर्श रूप से तब तक प्रतीक्षा करें जब तक कि आपका किशोर आपसे जुड़ना न चाहे, बजाय इसके कि आप सवाल पूछने लगें। उनकी दोस्ती के बारे में सौम्य रहें, गैर-आलोचनात्मक प्रश्न पूछें, जैसे "आप दोनों साथ में क्या करना पसंद करते हैं?" या "मुझे बताएं कि आप दोनों में क्या समानता है"। अगर वे किसी बात से परेशान या असहज लग रहे हैं, तो समस्या को अनदेखा करने या हल करने की अपनी इच्छा को नियंत्रित रखें। बच्चे को इसे हल करने में मदद करने के लिए बस सुनना ही काफी है, ताकि वे अकेला ना महसूस करें और साथ ही उन्हें लगे कि उनके बारे में कोई राय नहीं बनायी जा रही है। परेशान न हों और यह याद रखें कि सभी दोस्ती लंबे समय तक नहीं टिकतीं। जैसे-जैसे बच्चे स्कूल से आगे बढ़ते हैं और बड़े होते हैं, आम तौर पर वे नए दोस्त बनाते हैं और पुराने दोस्तों से दूर हो जाते हैं। लेकिन अगर बच्चे को डराया धमकाया जा रहा है या किसी भी प्रकार से उसे उत्पीड़ित किया जा रहा है तो मां बाप को मामला अपने हाथ में ले लेना चाहिए और स्कूल या संबंधित प्राधिकार से बात करनी चाहिए।