मच्छरों से फैलने वाली ये बीमारी ले सकती है जान, ठीक होने के बाद भी रहता है खतरा
punjabkesari.in Thursday, Feb 15, 2024 - 11:12 AM (IST)
चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित लोगों को संक्रमण के तीन महीने बाद तक मौत का खतरा बना रहता है। ‘द लांसेट इन्फेक्शियस डिजीजेज़' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात की जानकारी दी गयी। चिकनगुनिया एक वायरल रोग है, जो इंसानों को मच्छरों के काटने से होता है। अक्सर वायरस एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है। इस बीमारी को आमतौर पर पीतज्वर (येलो फीवर) भी कहा जाता है।
2023 में चिकनगुनिया के आए थे लाखों मामले
शोधकर्ताओं के मुताबिक, ज्यादातर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं लेकिन फिर भी चिकनगुनिया रोग घातक सिद्ध हो सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस संक्रमण के ज्यादातर मामले सामने नहीं आ पाते किंतु 2023 में दुनियाभर में तकरीबन पांच लाख मामले और 400 से ज्यादा लोगों ने चिकनगुनिया से अपनी गंवाई। शोधकर्ताओं का कहना है कि 'चिकनगुनिया संक्रमण के बढ़ने की संभावना के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यह बहुत जरूरी है कि संक्रमण के उच्च स्तर के समाप्त होने के बाद भी जारी खतरे पर गौर करें।''
आठ गुना ज्यादा होता है मृत्यु का जोखिम
शोधकर्ताओं ने ब्राजील के 10 करोड़ लोगों से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल कर चिकनगुनिया के करीब डेढ़ लाख मामलों का विश्लेषण किया। शोध के नतीजे दर्शाते हैं कि इस वायरस से संक्रमित लोगों को तीव्र संक्रमण की अवधि समाप्त होने के बाद भी जटलिताओं का खतरा बना रहता है। तीव्र संक्रमण की अवधि लक्षणों के दिखाई देने के बाद आमतौर पर 14 दिनों की होती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि पहले सप्ताह में संक्रमित व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के मुकाबले मृत्यु का जोखिम आठ गुना तक होता है। उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के तीन महीने बाद तक जटिलताओं से मृत्यु का खतरा दोगुना होता है।
चिकनगुनिया का उपचार नहीं है उपलब्ध
शोधकर्ताओं ने बताया कि जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और तीव्र गति से बढ़ रही मानवीय गतिविधियों के कारण एडीज जनित रोगों के बढ़ने और दूसरे इलाकों में फैलने का खतरा भी ज्यादा है। इस लिहाज से चिकनगुनिया रोग जन स्वास्थ्य के लिए एक बढ़ते खतरे के रूप में दिखाई दे रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, चिकनगुनिया को रोकने या फिर संक्रमण के बाद इस बीमारी का कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि पिछले वर्ष नवंबर में ‘‘यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन'' ने दुनिया की पहली वैक्सीन को मंजूरी प्रदान की थी।
लक्षण
. अचानक ठंड के साथ तेज बुखार।
. सिर दर्द और सुस्ती।
. पूरे बदन में तेज दर्द।
. जोड़ों में सूजन ।
. पेट दर्द।
. शरीर में दाने निकलना।
. जोड़ों में सूजन।
. कभी- कभी आंखों में दर्द ।
बचाव
-मच्छरों को पैदा होने से रोकें, घरों ,पार्कों और सार्वजनिक स्थलों के पास पानी जमा ना होने दें।
-घास, झाड़ी दफ्तरों और घरों के पर्दों के पीछे मच्छर रोधी रसायनों का छिड़काव करें।
-डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए खूब तरल पदार्थ पिएं।
-व्यायाम और योग आसन द्वारा शरीर और हड्डियों को मजबूत बनाएं।
-नारियल पानी तेजी से ठीक होने में मदद करता है और चिकनगुनिया के लक्षणों को कम करता है।