Kanchan chaudhary: 13 खूंखार डकैतों को घुटने पर लाने वाली देश की पहली महिला DGP की कहानी
punjabkesari.in Sunday, Oct 16, 2022 - 12:53 PM (IST)
कंचन चौधरी भट्टाचार्य, यह वो नाम है जिनके खाते में बेहतरीन उपबल्धियों की कोई कमी नहीं है। सबसे बड़ी उपलब्धि तो यह है कि वो देश की पहली महिला डीजीपी बनीं थीं। उन्होंने ना सिर्फ अपराधियों के मन में पुलिस के लिए खौफ पैदा किया बल्कि पुलिस सेवा में रहते हुए कई सराहनीय काम भी किये।
कौन है कंचन चौधरी?
कंचन चौधरी मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के एक मिडिल क्लास परिवार से थी। उन्होंनें अपनी ज्यादातर पढ़ाई अमृतसर से की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से इंग्लिश में एमए किया।
कहा जाता है कि 3 फरवरी, 1967 को कंचन चौधरी भट्टाचार्य के पिता मदन मोहन चौधरी को पुलिस ने प्रॉपर्टी के मामले में पकड़ लिया था, जबकि उनपर कोई एफआईआरपर नहीं हुई थी और उनपर बहुत जुल्म ढाए गए। बस फिर क्या था, कंचन ने कसम खा ली कि वो IPS बनेगी ताकि निर्दोष लोगों को पीटने से बचा सके। आपको बता दें की इनके जीवन से प्रेरणा लेकर दूरदर्शन पर एक सीरियल ‘उड़ान’ भी प्रसारित हो चुका है।
13 खूंखार डकैतों ने टेके घुटने
अपनी दिलेरी और बहादुरी के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाली कंचन चौधरी ने 13 खूंखार डकैतों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था। अपने करीब 33 साल के करियर में उन्होंने बैडमिंटन खिलाड़ी सईद मोदी और रिलायंस-बांबे डाइंग जैसे कई संवेदनशील केस हैंडल किए। 1975 से 1978 तक कंचन चौधरी भट्टाचार्य लखनऊ की एसपी व एसएसपी भी रहीं। बरेली में डीआईजी रही और सीबीआई में बड़े पदों पर काम किया। 15 जून, 2004 को कंचन ने उत्तराखंड की पहली महिला डीजीपी बन एक नया इतिहास लिखा था।
राजनीति में भी दिखाया कमाल
पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद कंचन चौधरी ने राजनीति में भी कदम रखा और आम आदमी पार्टी का हिस्सा रहीं। वहीं साल 2019 में 26 अगस्त को कंचन चौधरी का 72 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया।