महिला कितनी बार करवा सकती है C-Section?

punjabkesari.in Saturday, May 24, 2025 - 08:52 PM (IST)

नारी डेस्कः प्रैग्नेंसी एक महिला की जिंदगी का सबसे अलग अनुभव होता है जो हर महिला के लिए अलग हो सकता है। शिशु के जन्म के लिए या महिला की नॉर्मल डिलीवरी करवाई जाती है, वहीं जरूरत पड़ने पर सी-सैक्शन (C-Section / Caesarean Delivery) का सहारा भी लिया जाता है। सी-सैक्शन जिसे सिजेरियन डिलीवरी भी कहते हैं, एक तरह की सर्जरी होती है। सिजेरियन डिलिवरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को मां के पेट और गर्भाशय (uterus) में चीरा लगाकर निकाला जाता है। सामान्यतः यह तब की जाती है जब सामान्य प्रसव (Normal Delivery) करना सुरक्षित न हो।

कहा जाता है कि एक बार महिला सी-सेक्शन से बच्चा पैदा करें तो अगला बच्चा भी सी-सेक्शन से ही पैदा होता है, वहीं बहुत कम केस होते हैं कि महिला की दोबारा नॉर्मल डिलीवरी हो लेकिन यहां सवाल है कि एक महिला कितनी बार सी-सैक्शन सर्जरी करवा सकती है, या उसके लिए कितनी बार सिजेरियन डिलीवरी करवाना सुरक्षित है। चलिए इस आर्टिकल में इसी सवाल पर चर्चा करते हैं और एक्सपर्ट डॉक्टर की आपको राय बताते हैं। 
PunjabKesari

सी-सैक्शन की जरूरत पड़ने के बड़े कारण

सी-सेक्शन की स्थिति तब आती है जब मां और बच्चे की जान को जोखिम रहता है। जैसे प्लेसेंटा नीचा आ जाए, बच्चे का दिल तेजी से धड़कने लगे, मां की हालत गंभीर हो जाए तो सी-सेक्शन का सहारा लिया जाता है। चलिए कुछ बड़े जोखिमों के बारे में बताते हैं जिसके चले सिजेरियन डिलीवरी का विकल्प चुना जाता है।

शिशु की स्थिति सही न होना: जैसे कि बच्चा उल्टा (Breech position) हो या आड़ा (transverse) हो।
बहुत अधिक बड़ा बच्चा (Macrosomia): जब बच्चे का आकार बहुत बड़ा होता है और सामान्य प्रसव से बाहर आना कठिन होता है।
प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं: Placenta previa – जब प्लेसेंटा गर्भाशय के मुंह को ढकता है।
Placental abruption – जब प्लेसेंटा समय से पहले अलग हो जाए।
पूर्व में सी-सैक्शन होना: यदि पिछली डिलीवरी सर्जरी से हुई हो, तो अगली बार भी इसकी जरूरत पड़ सकती है।
फीटल डिस्ट्रेस (Fetal distress): जब बच्चे की दिल की धड़कन अनियमित हो या उसे ऑक्सीजन की कमी हो।
माँ की स्वास्थ्य समस्याएं: हाई ब्लड प्रेशर, प्री-एक्लेम्पसिया, हृदय रोग, संक्रमण आदि की स्थिति में।
लेबर की प्रगति न होना: जब बच्चेदानी का मुँह पूरी तरह से नहीं खुलता या लेबर बहुत धीमी हो जाती है।
जुड़वां या उससे अधिक बच्चे: कभी-कभी मल्टीपल प्रेग्नेंसी में सी-सैक्शन जरूरी हो जाता है।

एक महिला कितनी बार सी-सैक्शन करवा सकती है?

एक्सपर्ट व स्त्री विशेषज्ञ की मानें तो एक महिला का 3 व तीन से अधिक सी-सेक्शन करवाना गर्भवती की सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है हालांकि कुछ महिलाएं 4-5 सिजेरियन डिलीवरी भी सुरक्षित करवा चुकी है लेकिन यह पूरी तरह से महिला की सेहत पर निर्भर करता है क्योंकि हर महिला का शरीर अलग होता है। कुछ महिलाओं के लिए पहला सी-सेक्शन भी बहुत दर्दभरा और मुश्किल हो सकता है जबकि महिला की बॉडी कितने सी-सेक्शन झेल सकती है ये महिला की सेहत पर निर्भर करता है और इस बारे में डॉक्टर ही तय कर सकती है। 
PunjabKesari

बार-बार सी-सेक्शन से जोखिम बढ़ता है।

महिला का बार-बार सी-सेक्शन करवाना जोखिम से भरा होता है जैसे ब्लीडिंग, इंफेक्शन और रिकवरी में दिक्कतें आ सकती हैं। अगली प्रेगनेंसी में दिक्कतें आ सकती हैं। सामान्यतः 2 से 3 बार सी-सैक्शन करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह पूरी तरह से महिला की सेहत, पहले हुए ऑपरेशन की स्थिति और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है।

तीन या अधिक बार सी-सैक्शन कराने पर जोखिम बढ़ सकते हैं, जैसे:
अधिक रक्तस्राव (Bleeding)
यूटेरस में जख्म या फटने का खतरा (Uterine rupture)
प्लेसेंटा से जुड़ी जटिलताएं (जैसे accreta)
अगली प्रेग्नेंसी में गर्भपात या समय से पहले प्रसव
अधिक सी-सैक्शन से ब्लैडर व बाउल डेमेज, प्लेसेंटा एक्रीटा, हर्निया जैसी समस्या हो सकती है। पेट की मांसपेशियों में खिंचाव व दर्द रह सकता है।

गर्भाश्य फटने (uterine rupture) का खतरा 

एक से अधिक सी-सैक्शन करवाने पर गर्भाश्य के फटने का खतरा भी बना रहता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है जो मां और बच्चे दोनों की जान के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

ध्यान रखने वाली बात

हर सी-सैक्शन के बाद रिकवरी के लिए कम से कम 18-24 महीने का अंतर रखना चाहिए।
यदि पहला सी-सैक्शन किसी इमरजेंसी कारण से हुआ था, तो अगली बार डॉक्टर VBAC (Vaginal Birth After Cesarean) की संभावना भी देख सकते हैं।

नोटः सी-सैक्शन एक सुरक्षित विकल्प है जब सामान्य प्रसव संभव न हो, लेकिन यह एक बड़ी सर्जरी है और इसे केवल आवश्यकता पड़ने पर ही अपनाना चाहिए। कितनी बार सी-सैक्शन किया जा सकता है, इसका निर्णय महिला के स्वास्थ्य और डॉक्टर की विशेषज्ञ राय पर आधारित होना चाहिए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static