पहली बार जा रहे है खाटू श्याम मंदिर तो इन 5 नियमों का रखें खास ध्यान

punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 11:09 AM (IST)

नारी डेस्क: बाबा खाटू श्याम अपने वचन के लिए श्रीकृष्ण जी को अपना शीश काटकर देने वाले महान भक्त थे। उन्हें श्रीकृष्ण जी ने वरदान दिया था कि वे कलियुग में अपने नाम से जाने जाएंगे और अपने भक्तों के संकट दूर करेंगे। इसलिए खाटू श्याम बाबा को कलियुग के देवता भी कहा जाता है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर में हजारों भक्त उनकी भक्ति में लीन होकर उनके दर्शन करने आते हैं। भक्तों का यह विश्वास है कि बाबा खाटू श्याम ‘हारे हुए का सहारा’ हैं। अगर आप पहली बार खाटू श्याम मंदिर जा रहे हैं तो मंदिर में दर्शन करने से पहले कुछ खास नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। ये नियम मंदिर की पवित्रता और श्रद्धा को बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। आइए, इन नियमों को विस्तार से जानते हैं।

खाटू श्याम मंदिर के अंदर फोटोग्राफी करना मना है

मंदिर परिसर के अंदर फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करना बिल्कुल वर्जित है। कई लोग बिना ध्यान दिए चोरी-छिपे फोटोज़ और वीडियो बनाने की कोशिश करते हैं या सेल्फी लेने लगते हैं। मंदिर में आस्था के साथ बाबा के दर्शन करने आते हैं इसलिए दिखावे के लिए ऐसा करना उचित नहीं है। फोटोग्राफी से मंदिर की पवित्रता भंग हो सकती है और भक्तों की श्रद्धा कम हो जाती है। अतः मंदिर में जाने पर कैमरा, मोबाइल कैमरा या अन्य उपकरणों से फोटो या वीडियो न बनाएं।

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वीआईपी दर्शन के लिए दबाव न डालें

खाटू श्याम बाबा के मंदिर में सभी भक्त बराबर होते हैं। यहां किसी को वीआईपी दर्शन का विशेष दर्जा नहीं दिया जाता। कई लोग मंदिर में पैसे देकर या सहकर्मियों पर दबाव डालकर जल्दी दर्शन करना चाहते हैं लेकिन ऐसा करना गलत है। बाबा की भक्ति में कोई रैंक या वर्ग नहीं होता। यहां सभी भक्त समान हैं और उनकी भक्ति ही सबसे बड़ी विशेषता है। इसलिए किसी भी पुजारी या कर्मचारी पर दबाव डालना या पैसे देने का प्रयास करना ठीक नहीं।

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खाटू श्याम बाबा को कांटेदार गुलाब न चढ़ाएं

खाटू श्याम बाबा को गुलाब के फूल चढ़ाना एक प्रचलित परंपरा है लेकिन ध्यान रखें कि गुलाब की कांटेदार टहनियां हटा कर ही फूल अर्पित करें। कांटेदार गुलाब चढ़ाना बाबा की पूजा में अशुभ माना जाता है और यह उनकी पूजा की पवित्रता को कम कर सकता है। इसलिए फूलों को अच्छी तरह छांट कर ही चढ़ाएं ताकि बाबा को आदर और सम्मान के साथ फूल मिले।

दूध चढ़ाने का सही तरीका अपनाएं

खाटू श्याम बाबा को दूध चढ़ाना भी एक महत्वपूर्ण भोग है लेकिन इसे करने का सही तरीका जरूरी है। कई बार भक्त दूध से भरी बोतलें या कटोरे सीधे बाबा की मूर्ति के सामने रख देते हैं जो मंदिर की व्यवस्थाओं के अनुसार सही नहीं है। दूध का दान मंदिर के पुजारी से परामर्श कर के करें ताकि दूध प्रसाद के रूप में सभी भक्तों में समान रूप से वितरित हो सके। इससे मंदिर का संचालन भी बेहतर तरीके से हो पाता है।

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सोने-चांदी के आभूषण प्रतिमा पर न रखें

खाटू श्याम बाबा भक्ति और श्रद्धा को महत्व देते हैं, न कि महंगे आभूषणों को। कई बार भक्त मनोकामना पूरी होने पर बिना अनुमति के बाबा की प्रतिमा पर सोने-चांदी के आभूषण चढ़ा देते हैं या उन्हें पहनाने लगते हैं। यह नियम विरुद्ध है। आभूषण चढ़ाने से पहले मंदिर के पुजारी या अन्य सहयोगियों से सलाह जरूर लें। अगर आप दान करना चाहते हैं तो मंदिर के नाम दान करना बेहतर होता है। इससे मंदिर के विकास और सेवा कार्यों में मदद मिलती है।

आप भी जब कभी खाटू श्याम मंदिर जाएं, तो इन नियमों का सम्मान करें और बाबा की भक्ति में खुद को पूरी तरह से समर्पित करें। "हारे हुए का सहारा खाटू श्याम हमारा" की भक्ति से आपका हर संकट दूर होगा और जीवन में सुख-शांति का वास होगा।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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