ये हैं भारत के ऐसे शिव मंदिर जिनको दर्शन करने से मिलता है जन्मों-जन्मों का वरदान

punjabkesari.in Monday, May 29, 2023 - 01:31 PM (IST)

शिवभक्तों की पूरी दुनिया में संख्या कम नहीं है। शिवजी को जगत का पालनहार माना जाता है। वह भक्तों की थोड़ी सी भक्ति के जरिए उनकी ओर खींचे चले आते हैं। शिव भक्तों की बात करें तो उन्हें साल में सबसे ज्यादा प्रिय सावन होता है। इसके आने का वह साल भर लंबा इंतजार करते हैं। सावन आते ही शिव भक्त कई सारे मंदिरों के दर्शन करने के लिए जाते हैं। तो चलिए आज आपको बताते हैं शिवजी के कुछ ऐसे मंदिर जिनके सिर्फ दर्शन करने से ही भक्तों को जन्म-जन्मांतर का सुख मिलता है।  

लिंगराज मंदिर 

भारत के अोडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर माना जाता है। दूर-दूर से भक्त इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस सावन त्रिनेत्रधारी शिव शंभु के दर्शन करना चाहते हैं तो लिंगराज मंदिर में जा सकते हैं। 

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महाकालेश्वर मंदिर 

महाकालेश्वर मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिगों में से एक माना जाता है। इसके अलावा मंदिर को समय और मृत्यु के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि महाकालेश्वर मंदिर की प्रतिमा दक्षिणमुखी है। इसके अलावा यहां पर सिंहस्थ महाकुम्भ भी रखा जाता है जो अप्रैल से शुरु हो चुका है। 

अमरनाथ 

अमरनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। इस स्थान को तीर्थों का तीर्थ कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहां पर भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरित्व का रहस्य बताया था। इसलिए इस मंदिर को बहुत ही मान्यता दी जाती है। 

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सोमनाथ मंदिर 

गुजरात का सोमनाथ मंदिर भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है। वहीं अगर ऋग्वेद की मानें तो इस मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था। ऐसे में इस मंदिर को बहुत ही धार्मिक माना जाता है। 

केदारनाथ मंदिर 

शिवभक्तों का प्रिय केदारनाथ मंदिर भी भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिगों में से एक है। इस मंदिर को चार धाम और पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है। वहीं अगर पौराणिक मान्यताओं की मानें तो यहां पर पत्थरों से बने कत्यूरी शैली के इस मंदिर को पांडव वंश के जनमेजय ने इसका निर्माण करवाया था। 

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भीमाशंकर 

भीमाशंकर भी भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्माद्रि पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। 

काशी विश्वनाथ मंदिर 

काशी विश्वनाथ भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर वाराणसी जैसे पवित्र स्थान में बना हुआ है। यहां की बहती गंगा नदी और भोलेनाथ के दर्शन करके भक्तों की मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

घृष्णेश्वर महादेव मंदिर 

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक घृष्णेश्वर महादेव मंदिर भी माना जाता है। इस मंदिर को अंतिम ज्योतिर्लिंग के रुप में मान्यता दी गई है। इस मंदिर के केवल दर्शन मात्र से ही सभी भक्त पाप से मुक्त होते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

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palak

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