प्रेमानंद महाराज की तबीयत बिगड़ी, आश्रम ने दर्शन और पदयात्रा पर लगाई रोक
punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 05:32 PM (IST)

नारी डेस्क: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत एक बार फिर से बिगड़ गई है। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए रात्रि पदयात्रा और दर्शन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। यह जानकारी श्री हित राधा केली कुंज आश्रम की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई है। प्रेमानंद महाराज लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इससे पहले भी उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उनकी तबीयत फिर से बिगड़ने के कारण, रात 2 बजे से शुरू होने वाली पदयात्रा को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।
भक्तों में मायूसी
महाराज की पदयात्रा और दर्शन उनके भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत रही है। रोज़ रात उन्हें देखने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते थे। ऐसे में इस अस्थायी रोक से भक्तों में निराशा फैल गई है, लेकिन सभी उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं।
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स्थानीय लोगों का विरोध और प्रशासन का कदम
रात्रि पदयात्रा के दौरान बढ़ती भीड़ और शोर-शराबे को लेकर स्थानीय निवासियों ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि देर रात होने वाले आयोजनों से उन्हें काफी परेशानी और असुविधा होती है। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए रात्रि दर्शन और पदयात्रा को फिलहाल के लिए रोकने का निर्णय लिया। यह फैसला सभी पक्षों की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
भक्तों से अपील – संयम और सहयोग रखें
आश्रम की ओर से भक्तों से अपील की गई है कि वे महाराज के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए फिलहाल आश्रम में दर्शन के लिए आने से बचें। आश्रम ने कहा कि यह निर्णय भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए और महाराज के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लिया गया है। सभी भक्तों से अनुरोध है कि वे धैर्य और समझदारी से काम लें और आश्रम के निर्देशों का पालन करें।
आशा की किरण – जल्द स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना
भक्तों के लिए यह समय जरूर कठिन है, लेकिन आश्रम को विश्वास है कि प्रार्थनाओं और सकारात्मक ऊर्जा से महाराज जल्दी ही स्वस्थ होकर पुनः अपने सेवाकार्य में लगेंगे। आश्रम ने सभी भक्तों से कहा है कि वे महाराज की दी हुई आध्यात्मिक शिक्षा को जीवन में अपनाएं, और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना और ध्यान करें।