मिसाइल सिटी के नाम से जाना जाता है बालासोर, इस राज्य में अशोक सम्राट कर चुके हैं शासन
punjabkesari.in Sunday, Jun 04, 2023 - 03:32 PM (IST)
ओडिशा का बालासोर जिला इन दिनों खूब सुर्खियों में बना हुआ है। इस राज्य का वैसे तो कई लोग नाम जानते हैं पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इसका नाम पहली बार सुना है। अगर आपने भी कभी बालासोर का नाम नहीं सुना तो आज आपको इस जगह की एक-एक चीज के बारे में बताएंगे। यह एक तरह का तटीय जिला है जो ओडिशा के उत्तरी भाग में स्थित है। यह कलिंग का एक हिस्सा था जो बाद में तोशल और उत्कल का क्षेत्र बन गया था। आपको बता दें कि पहले आधुनिक बालासोर जिला पश्चिम बंगाल का एक हिस्सा था परंतु अक्टूबर 1828 में जिले का गठन किया गया और यह ओडिशा का स्वतंत्र हिस्सा बन गया था।
बनेश्वर के नाम से भी जाना जाता है बालासोर
बालासोर का वास्तविक नाम बनेश्वर है। यह दानव राजा बनेश्वर की राजधानी रह चुकी थी। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने बामन यानी की छोटे कद के आदमी के रुप में अवतार लिया उस समय राजा महाबली ने बामन को उपहार के तौर पर उसके तीन कदम के क्षेत्रफल के बराबर जमीन देने के लिए कहा जब उन्हें राजा द्वारा उपहार दिया जाने लगा तो उन्होंने एक बड़े पुरुष का अवतार ले लिया था जिसने पूरी पृथ्वी को अपने एक पैर से ढक लिया वहीं दूसरे कदम ने ब्रह्मांड को ढक लिया और तीसरे के लिए राजा ने उन्हें अपना सिर बएंट में दे दिया। परंतु बामन ने ऐसा नहीं किया लेकिन इसके बाद राजा के पास कुछ भी नहीं बचा।
जल देवता भगवान वरुण ने दिया था बालासोर नाम
जब राजा के पास कुछ भी नहीं रहा तो उन्होंने जल के देवता भगवान वरुण की पूजा की। राजा महाबली की भक्ति से खुश होकर भगवान वरुण ने उन्हें समुद्र के पास एक छोटा सा भूखंड दिया और समुद्र के कुछ हिस्से को साफ किया जिससे भूमि रेत से भर गई। इसलिए इसका नाम बालेश्वर रखा गया। वहीं बाद में इस शहर को दो नाम बानेश्वर और बालासोर मिल गए।
बालासोर की खूबसूरती पर मनमोहित होते हैं पर्यटक
यहां पर कई सारे खूबसूरत मंदिर और दर्शनीय स्थल हैं। बालासोर की यात्रा में आप चांदीपुर-ऑन सी घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां की सुंदर और लंबी तटरेखा ओडिशा और आसपास के राज्यों में पश्चिम बंगाल और झारखंड के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह शहर साईबा-पीठों और भगवान शिव के कई मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
इन चीजों को होती है बालासोर में खेती
बालासोर के पूरे राज्य को समृद्ध क्षेत्रों में से एक माना जाता है। उद्योग और कृषि यह दोनों चीजों में ही समृद्ध है। पान और नारियल इस जिले में मुख्य रुप से उगाया जाता है। इसके अलावा यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था भी कृषि पर ही निर्भर करती है जबकि उद्योगों को बालसोर जिले का आर्थिक विकास केंद्र भी कहते हैं।
ऐतिहासिक स्मारकों के लिए भी जाना जाता है बालासोर
इस जिले को ऐतिहासिक स्मारकों जैसे क्षेत्र के अलग-अलग मंदिरों के कारण, प्राकृतिक सुंदरता और एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण के लिए भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में कई सारी पर्वत श्रृंखलाएं भी हैं यह सड़क मार्ग भुवनेश्वर से 207 किमी उत्तर पूर्व में स्थित है। इसके अलावा यहां पर विकास काफी हद तक विश्व प्रसिद्ध रॉकेट लॉन्चिंग साइट चांदीपुर के बालासोर में स्थित होने के लिए भी किया गया है। यह जिला बंगाल की खाड़ी के कास्ट में मौजूद है और इसका इस्तेमाल कई मिसाइलों के अलग-अलग परीक्षणों को करने के लिए एक एकीकृत परीक्षण के रेंज के रुप में भी किया जाता है। अतीत में कई सारी मिसाइलों का परीक्षण यहीं पर किया गया है जिनमें से कुछ हैं पृथ्वी, अग्नि, त्रिशुल और कई अन्य मिसाइलें मौजूद हैं।