डायबिटीज नहीं है फिर भी बार- बार करते हो ब्लड शुगर की जांच? पहले जान लो जरूरी बात
punjabkesari.in Thursday, Aug 28, 2025 - 11:12 AM (IST)

डायबिटीज अब एक आम बीमारी बन गई है जिसके लाखों मरीज़ हैं। इसके कई कारण हैं जैसे आनुवंशिकी, मोटापा, गलत खान-पान और शारीरिक गतिविधि की कमी। माना जाता है कि समय पर इलाज इस बीमारी को किसी हद तक रोक सकता है। यही कारण है कि आज कल लोग बिना डायबिटीज़ (मधुमेह) के भी ग्लूकोज मॉनिटरिंग करत हैं। चलिए समझते हैं कि ऐसा करना ज़रूरी है या नहीं।
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ब्लड शुगर मॉनिटर करने की ज़रूरत क्यों?
आजकल Continuous Glucose Monitors (CGM) और ग्लूकोमीटर आसानी से मिल जाते हैं। सोशल मीडिया और फिटनेस ट्रेंड की वजह से लोग हेल्दी रहने के लिए इसे इस्तेमाल करने लगे हैं। कुछ लोग वजन घटाने या डाइट कंट्रोल के लिए भी शुगर लेवल देखते हैं।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपको डायबिटीज नहीं है और आपका शरीर सामान्य रूप से काम कर रहा है, तो रोजाना शुगर चेक करना ज़रूरी नहीं है। ब्लड शुगर लेवल दिन में कई बार बदलता है – खाने, तनाव, नींद और एक्सरसाइज से। बार-बार टेस्ट करने से अनावश्यक चिंता और भ्रम बढ़ सकता है।
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कब करनी चाहिए जांच?
डॉक्टर सलाह देते हैं कि ब्लड शुगर मॉनिटरिंग इन परिस्थितियों में उपयोगी हो सकती है –अगर आपके परिवार में डायबिटीज़ का इतिहास (family history) है। अगर आपको ओवरवेट, मोटापा या मेटाबॉलिक सिंड्रोम है। या फिर अगर आप गर्भवती हैं, क्योंकि इस दौरान गेस्टेशनल डायबिटीज़ का खतरा बना रहता है। बार-बार थकान, ज्यादा प्यास लगना, या बार-बार पेशाब जाने की शिकायत भी डायबिटीज़ के शुरुआती लक्षण हैं ।
इस तरह राेकें डायबिटीज़ को
सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को रोज़ाना ब्लड शुगर मॉनिटर करने की कोई ज़रूरत नहीं। स्वस्थ जीवनशैली (संतुलित आहार, एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद, तनाव कम करना) ही शुगर कंट्रोल रखने का सबसे अच्छा तरीका है। अगर आपको लगता है कि आपका शुगर लेवल असामान्य हो सकता है, तो डॉक्टर से जांच करवाना बेहतर है बजाय खुद से बार-बार टेस्ट करने के।