इस ब्लड ग्रुप में तेजी से बढ़ रहा है लिवर डिजीज का रिस्क! कहीं आपका BG यह तो नहीं, तुरंत कर लीजिए चेक

punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 10:23 AM (IST)

नारी डेस्क:  एक नई मेडिकल स्टडी में यह बात सामने आई है कि ब्लड ग्रुप A वाले लोगों में ऑटोइम्यून लिवर डिजीज का खतरा अन्य ब्लड ग्रुप की तुलना में अधिक पाया गया है। वहीं, ब्लड ग्रुप B वालों में खतरा सबसे कम देखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर लिवर को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

ब्लड ग्रुप से जुड़ी बीमारी का जोखिम – क्या कहती है स्टडी?

कई लोग अपने ब्लड ग्रुप को सिर्फ एक साधारण मेडिकल जानकारी समझते हैं, लेकिन नई रिसर्च बताती है कि ब्लड ग्रुप कई बीमारियों के जोखिम के बारे में भी महत्वपूर्ण संकेत देता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्टडी जर्नल फ्रंटियर्स में प्रकाशित हुई है, जिसमें 1200 से अधिक लोगों के डाटा का विश्लेषण किया गया। इनमें से 114 लोग पहले से ऑटोइम्यून लिवर डिज़ीज़ से पीड़ित थे।

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रिसर्च में पाया गया कि

ब्लड ग्रुप A वालों में ऑटोइम्यून लिवर डिजीज का खतरा सबसे ज्यादा

A के बाद जोखिम का क्रम: O → B → AB

ब्लड ग्रुप B वालों में न सिर्फ ऑटोइम्यून लिवर डिजीज, बल्कि प्राइमरी बिलियरी कोलेन्जाइटिस (PBC) का खतरा भी कम यह निष्कर्ष बताता है कि ब्लड ग्रुप हमारी प्रतिरक्षा व्यवस्था (immune system) और शरीर की सूजन प्रतिक्रिया (inflammation response) को भी प्रभावित करता है।

ऑटोइम्यून लिवर डिजीज क्या होती है?

डॉक्टर बताते हैं कि शराब, वायरल इंफेक्शन या गलत लाइफस्टाइल से जो लिवर बीमारियाँ होती हैं, उनसे बिल्कुल अलग होती है ऑटोइम्यून लिवर डिजीज। इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम गड़बड़ा जाता है और गलती से अपने ही लिवर पर हमला करने लगता है।

ऑटोइम्यून लिवर डिजीज के दो मुख्य प्रकार हैं

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune Hepatitis)

इसमें इम्यून सिस्टम सीधे लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे लिवर में सूजन बढ़ने लगती है। प्राइमरी बिलियरी कोलेन्जाइटिस (PBC) इसमें इम्यून सिस्टम लिवर के बाइल डक्ट्स को नुकसान करता है। बाइल जमा होती है और धीरे-धीरे लिवर में स्कारिंग (फाइब्रोसिस) और बाद में सिरोसिस हो सकता है। यह बीमारी धीमी गति से बढ़ती है और कई बार सालों तक कोई लक्षण नहीं दिखता, इसलिए इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है।

लक्षण जिन पर ध्यान दें

अगर आप ब्लड ग्रुप A वाले हैं, या आपको ये लक्षण नजर आते हैं, तो जांच करवाना जरूरी है

लगातार थकान रहना

जोड़ों में दर्द

पेट के दाहिने हिस्से में भारीपन

स्किन पर खुजली

भूख कम लगना

बार-बार मतली

पीलिया

ये सभी लिवर से जुड़ी समस्याओं के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

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ब्लड ग्रुप और लिवर डिजीज का संबंध कैसे जुड़ा है?

हमारा ब्लड ग्रुप इस बात पर निर्भर करता है कि RBCs (लाल रक्त कोशिकाओं) पर कौन से एंटीजन – A, B या H मौजूद हैं। स्टडी में देखा गया कि ऑटोइम्यून लिवर डिजीज वाले लोगों में A एंटीजन की मौजूदगी अधिक थी, जो बताता है कि ब्लड ग्रुप A वाले लोगों में इम्यून सिस्टम का असंतुलन होने की संभावना ज्यादा हो सकती है।

ध्यान रखने वाली बात यह है कि

ब्लड ग्रुप A होने का मतलब यह नहीं है कि आपको लिवर रोग ज़रूर होगा। लेकिन यह आपका रिस्क बढ़ाता है, इसलिए सावधान रहना जरूरी है।

लिवर को सुरक्षित रखने के तरीके

साल में एक बार लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं

नियमित व्यायाम करें

बहुत तला-भुना, फैटी और पैकेज्ड फूड कम करें

शराब से दूरी रखें

वजन नियंत्रित रखें

समय पर दवा और डॉक्टर की सलाह मानें

स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर लिवर को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
 


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Content Editor

Priya Yadav

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