शिवलिंग की पूजा करते समय महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान
punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 02:21 PM (IST)

नारी डेस्क: सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में श्रद्धालु जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और मंत्र जाप के माध्यम से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शिव मंदिरों में विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा का महत्व होता है, क्योंकि शिवलिंग को शिव का प्रतीक रूप माना जाता है।
शिवलिंग क्या है और इसका महत्व क्या है?
शिवलिंग 'शिव' यानी कल्याणकारी और 'लिंग' यानी सृजन का प्रतीक है। यह सिर्फ एक पत्थर नहीं बल्कि सृष्टि की मूल ऊर्जा का प्रतीक है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, प्रलय के समय संपूर्ण सृष्टि इसी में समा जाती है और पुनः इसी से उत्पन्न होती है। इसलिए शिवलिंग की पूजा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ी होती है।
महिलाओं के लिए शिवलिंग पूजन से जुड़े जरूरी नियम
शिवलिंग को सीधे हाथ से न छुएं
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग को पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है। इसलिए महिलाओं को सीधे हाथ से शिवलिंग को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होती। हालांकि, यदि श्रद्धा से स्पर्श किया जाए तो एक विशेष मुद्रा अपनानी चाहिए।
नंदी मुद्रा में करें शिवलिंग का स्पर्श
अगर महिलाएं शिवलिंग को श्रद्धापूर्वक स्पर्श करना चाहें, तो उन्हें “नंदी मुद्रा” अपनानी चाहिए। यह एक विशेष पूजन मुद्रा है, जिसमें पहली और अंतिम उंगली को सीधा रखा जाता है, जबकि बीच की दो उंगलियां अंगूठे से जुड़ी होती हैं। यह मुद्रा नंदी यानी शिव के वाहन की पूजा मुद्रा का प्रतीक है, जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
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जल चढ़ाने के नियम
महिलाएं शिवलिंग पर जल चढ़ा सकती हैं लेकिन ध्यान रखें कि जल सीधा शिवलिंग के शीर्ष पर न गिराकर थोड़ा सा एक ओर से चढ़ाएं। इससे शास्त्रीय मान्यताओं का पालन भी होता है और श्रद्धा भी बनी रहती है।
मासिक धर्म के दौरान वर्जना
परंपरागत मान्यता के अनुसार, महिलाएं मासिक धर्म के दौरान शिवलिंग की पूजा या मंदिर जाना टाल दें। यह नियम स्वच्छता और पारंपरिक रीति के आधार पर है।
रुद्राभिषेक या अभिषेक में शामिल होना
महिलाएं रुद्राभिषेक जैसे अनुष्ठानों में शामिल हो सकती हैं, लेकिन अभिषेक का मुख्य कार्य (शिवलिंग पर दूध, जल या अन्य सामग्रियां चढ़ाना) किसी पुरुष के द्वारा किया जाए, ऐसा शास्त्रों में कहा गया है। महिलाएं मंत्र जाप, फूल अर्पण, दीप प्रज्वलन जैसे कार्यों से पूजन कर सकती हैं।
महिलाएं ये ध्यान रखें
हमेशा स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही शिवलिंग की पूजा करें। पूजा में तुलसी का उपयोग न करें, क्योंकि यह शिव को नहीं चढ़ाई जाती। बिल्व पत्र (बेलपत्र) जरूर अर्पित करें, यह शिव को अत्यंत प्रिय होता है। शिवलिंग की पूजा में नियमों का पालन करना जरूरी है, विशेषकर महिलाओं के लिए कुछ विशेष निर्देश शास्त्रों में बताए गए हैं। इनका पालन श्रद्धा और सम्मान के साथ करें। सही तरीके से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।